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40 साल से मो.रफी के गीत गुनगुना रहा भोपाल

नवांकुर ग्रुप ने 1983 में शुरू किया था ‘एक शाम, रफी के नाम’ कार्यक्रम कोविड काल में भी नहीं हुआ बंद

देश के संगीत प्रेमियों के चहेते गायक मोहम्मद रफी की 43 वीं पुण्यतिथि पर भोपाल के रवींद्र भवन का हंसध्वनि सभागार श्रोताओं की मौजूदगी से गुलजार था। भोपाल, मुंबई और जयपुर से गायक मो.रफी के सदाबहार नगमे सुनाने पहुंचे। इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि यह आयोजन नवांकुर ग्रुप द्वारा पिछले 40 साल से भोपाल एक शाम रफी के नाम शीर्षक से लगातार आयोजित किया जा रहा है, यहां तक की कोविड के दौरान इस कार्यक्रम का आयोजन फेसबुक के जरिए ऑनलाइन किया गया था।

सोमवार को गायकों ने उनके गाए 30 गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। रिमझिम गिरे सावन… गीत को जाने-माने सिंगर अपूर्व शर्मा और मुंबई की गायिका ममता राजपूत ने पेश किया। चुरा लिया है तुमने जो दिल को….गीत की प्रस्तुति हमीद खान तरीन ने दी तो वहीं हमीद और पलछिन जोशी ने चुरा लिया है तुमने जो दिल को… गीत से माहौल को रोमांटिक धुन से भर दिया। कुहू-कुहू बोले कोयलिया… गीत की प्रस्तुति प्रभात श्रीवास्तव व श्रीजा उपाध्याय ने दी।

‘जंगली’ का गाना सुना तो श्रोताओं ने कहा याहू…

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता… की प्रस्तुति ने प्रभात और ममता ने दी। शम्मी कपूर पर फिल्माया गया चाहे कोई मुझे जंगली कहे…गीत हमीद ने झूमकर गाया तो श्रोता भी उनके साथ याहू बोल पड़े। कार्यक्रम के दौरान रफी साहब की कव्वाली पर्दा है पर्दा.., शिरडी वाले साईं बाबा…. को भी श्रोताओं द्वारा खूब सराहा गया। कार्यक्रम का अंत फिल्म उड़न खटोला के गीत ओ दूर के मुसाफिर हमको भी साथ ले ले हम रह गए अकेले… से हुआ जिसमें शानदार कोरस नवांकुर की टीम द्वारा तैयार किया गया था।

शानदार रही आर्केस्ट्रा के साथ गायकों की संगत

इस कार्यक्रम का संचालन आशीष दवे ने किया। ध्वनि संचालन मोहम्मद शोएब का रहा। वादक मुकेश कटारे, रितुल हजारिका, राजकुमार सक्सेना,निखिल पालवी, प्रकाश केमे, अतुल्य पटेरिया और शाहनवाज खान ने संगत की।

शास्त्रीय रागों पर आधारित गीत गाए

गायकों ने रफी साहब के द्वारा गाए गए विभिन्न शैलियों के शास्त्रीय रागों पर आधारित गीत, कव्वाली, भजन, रोमांटिक एवं फास्ट गीतों को प्रस्तुत किया। हमने इस कार्यक्रम की शुरुआत 1983 में की थी, तब से लगातार मो.रफी को गीतों के माध्यम से याद कर रहे हैं और हमेशा बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहते हैं। -अनूप श्रीवास्तव, गायक, नवांकुर

13 साल से प्रस्तुति देने आ रहा हूं भोपाल में

मैंने रफी साहब के शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीत नाचे मन मोरा प्रस्तुत किया। इसके अलावा कई गीत गाकर मो. रफी साहब को श्रद्धांजलि दी। मैं पिछले 13 साल से इस कार्यक्रम में गाने गाता आ रहा हूं और भोपाल के श्रोतागण इतना अच्छा रिस्पॉन्स देते हैं कि आगे भी आता रहूंगा। -हमीद खान तरीन, गायक, मुंबई

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