इंदौर। मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra in mp) के बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी यात्रा के कई अनुभवों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान वे किन-किन स्थितियों में रहे और खुद में कैसे बदलाव महसूस कर रहे हैं। राहुल ने बताया कि जब पैदल मार्च शुरू किया, तो एक पुरानी चोट के कारण मेरे घुटनों में दर्द महसूस हुआ। इसकी वजह से परेशानी हो रही थी। डर भी था कि मैं चल पाऊंगा या नहीं। हालांकि, धीरे-धीरे मैंने खुद को उसके अनुसार ढाल लिया।
साउथ में यात्रा के दौरान एक बार मैं दर्द से परेशान हो गया, क्योंकि लोग मुझे धक्का दे रहे थे। तभी, एक छोटी लड़की आई और यात्रा में चलने लगी। वह मेरे पास आई और मुझे एक चिट्ठी थमाई। वह शायद 6-7 साल की थी। जब वह चली गई तो मैंने चिट्ठी पढ़ी। इसमें लिखा था- मत समझो कि आप अकेले चल रहे हो, मैं आपके साथ चल रही हूं। मैं पैदल यात्रा नहीं कर पा रही, क्योंकि मेरे पैरेंट्स अनुमति नहीं दे रहे।
8 घंटे में भी इरिटेट नहीं होता हूं
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान खुद में कुछ बदलाव महसूस कर रहा हूं। इससे अधिक धैर्य आया है और दूसरों को सुनने की क्षमता भी बढ़ी है। राहुल भारत जोड़ो यात्रा के तहत 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले पहुंचे थे।
7 सितंबर से चल रही यात्रा
राहुल गांधी ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। यात्रा के दौरान सबसे संतोषजनक क्षण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा- ऐसे कई क्षण हैं, लेकिन मैं उनमें से कुछ रोचक याद करता हूं। उन्होंने बताया कि यात्रा के कारण मेरा धैर्य काफी बढ़ गया है। उन्होंने कहा- अब मैं 8 घंटे में भी इरिटेट (चिढ़ता) नहीं हूं। यदि कोई मुझे धक्का दे या खींचे तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता, जबकि पहले मैं दो घंटे में भी चिढ़ जाता था।
पहले से ज्यादा धैर्य से लोगों को सुनता हूं
यदि आप यात्रा में चल रहे हैं और दर्द का अनुभव करते हैं, तो आपको इसका सामना करना होगा, आप हार नहीं मान सकते। उन्होंने कहा कि दूसरों को सुनने की क्षमता भी पहले के मुकाबले बेहतर हुई है। अब कोई मेरे पास आता है तो मैं उसे ज्यादा धैर्य से सुनता हूं। मुझे लगता है कि ये सभी चीजें मेरे लिए काफी लाभदायक हैं।
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