भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच और अपने दौर के माने-जाने बैट्समैन संजय बांगर के बेटे हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाकर लड़की बन चुके हैं। उन्होंने अनाया के रूप में अपनी नई पहचान स्थापित की है। उनकी इस यात्रा ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी है। हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से एक ट्रांस महिला बनने की उनकी यात्रा को लेकर समाज में कई तरह के सवाल उठे हैं। इस जर्नी की चुनौतियों और उनकी क्रिकेट से जुड़ी भावनाओं को उन्होंने खुलकर बयां किया है।
लिंग परिवर्तन के लिए हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी का लिया सहारा
संजय बांगर के बेटे आर्यन ने लिंग परिवर्तन के जरिए एक नई पहचान हासिल की और अब वे अनाया बांगर के रूप में समाज में सामने आई हैं। अनाया के अनुसार, उनके भीतर हमेशा से एक लड़की का अस्तित्व रहा है, जो उन्हें उनके वास्तविक स्वभाव के अनुसार जीने के लिए प्रेरित करता रहा। इस पहचान की खोज में उन्होंने हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) का सहारा लिया, जो एक साहसिक और संघर्षपूर्ण यात्रा थी। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अपनी भावनाएं साझा करते हुए अनाया ने लिखा कि यह बदलाव उनके भीतर एक गहरे आत्मबोध का प्रतीक है।
क्रिकेट से अनाया का जुड़ाव
अनाया ने क्रिकेट में अपना करियर बनाने का सपना देखा था और इस दिशा में कदम भी बढ़ाए। उन्होंने इस्लाम जिमखाना क्लब से खेलना शुरू किया और बाद में इंग्लैंड के हिंकले क्रिकेट क्लब में लीसेस्टरशायर की ओर से भी खेलीं। अनाया ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक रील भी साझा की, जिसमें वे आर्यन के रूप में विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलती नजर आईं। हालांकि, ट्रांसजेंडर बनते ही उनके क्रिकेट करियर पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि क्रिकेट की कई संस्थाएं अब ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धात्मक स्तर पर खेलने की अनुमति नहीं देतीं।
क्रिकेट करियर पर लग सकता है ब्रेक
नवंबर 2023 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने यह घोषणा की थी कि ट्रांसजेंडर बन चुके खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने भी महिला घरेलू क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को शीर्ष स्तर पर खेलने से प्रतिबंधित कर दिया है। इस फैसले से अनाया के क्रिकेट करियर पर भी विराम लग सकता है। उन्होंने इस फैसले पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, परंतु इस बदलाव ने उनकी खेल की राह में एक बड़ा मोड़ ला दिया है।
क्या है हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति के हार्मोंस को बदलकर उसकी जैविक पहचान को परिवर्तित किया जाता है। भारत में 2014 में इसे कानूनी मान्यता मिली। इस प्रक्रिया में डॉक्टरों, मनोरोग विशेषज्ञों, सर्जनों और अन्य विशेषज्ञों की सहायता ली जाती है। अनाया ने बताया कि इस थेरेपी के बाद उनके शरीर में कई बदलाव आए हैं, जिससे उनकी ताकत और एथलेटिक क्षमताएं कम हो रही हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया से गुजरते हुए अनाया ने एक नई खुशी पाई है जो उनकी वास्तविकता के करीब होने का अनुभव देती है।
इस परिवर्तन ने दी अंदर से खुशी
अनाया बांगर ने इंस्टाग्राम पर अपने अनुभव साझा किए, जहां उन्होंने लिखा कि एचआरटी के बाद उन्होंने अपनी शारीरिक ताकत खोनी शुरू कर दी है। एक खिलाड़ी के रूप में उनकी एथलेटिक क्षमताएं कम हो रही हैं और अब उन्हें अपने पुराने खेल से दूर होना पड़ रहा है। बावजूद इसके, उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने उन्हें अंदर से खुश रहने का एक नया दृष्टिकोण दिया है। अपने खुद की खोज के इस सफर में उन्होंने एक संतोष पाया है, जो उन्हें हर चुनौती से पार पाने की हिम्मत देता है।
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