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Earthquake in Jammu-Kashmir : भूकंप से कांपा जम्मू-कश्मीर, लोगों में फैली दहशत, अफगानिस्तान में था केंद्र

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में बुधवार को तक भूकंप के मध्यम झटके महसूस किए गए। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह करीब 10:43 बजे आये भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। भूकंप के झटके सुबह 10.43 बजे कुछ सेकेंड तक महसूस किए गए। जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

पाकिस्तान में आया 5.3 तीव्रता का भूकंप

इस्लामाबादI पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद सहित देश के कई हिस्सों में बुधवार को 5.3 तीव्रता का भूकंप का झटका आया। देश के मौसम विभाग ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। ‘यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे’ (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.1 थी।

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने इसकी तीव्रता 5.3 बताई। इस्लामाबाद में ‘राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी केंद्र’ के अनुसार, ‘‘भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में हिंदुकुश पर्वत शृंखला में 220 किलोमीटर गहराई में था।” यूएसजीएस और पीएमडी दोनों ने पुष्टि की कि भूकंप सुबह (पाकिस्तानी समय के अनुसार) 10 बजकर 13 मिनट पर आया। भूकंप के झटकों के बाद लोग दहशत के कारण अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि खैबर-पख्तूनख्वा, इस्लामाबाद और पंजाब के विभिन्न इलाकों में भूकंप महसूस किया गया। पाकिस्तान में भूकंप अक्सर आते हैं। वर्ष 2005 में आए भीषण भूकंप में 74,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

क्या होता है रिक्टर स्केल?

भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल मूल रूप से भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्सा रिक्टेर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी। उनका सोचना था कि, भूकंप की तीव्रता को एक संख्या में व्यक्त किया जाना चाहिए ताकि इसकी तुलना अन्य भूकंपों से की जा सके।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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