बहुचर्चित पनामा पेपर्स लीक मामले में कई बड़ी हस्तियों के बाद अब बॉलीवुड अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन का भी नाम आया है। इम मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय ED ने उन्हें समन भेजा था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज भी ऐश्वर्या पूछताछ में शामिल नहीं होंगी, ईडी जल्द ही उनको नया समन जारी करेगी। पनामा पेपर्स मामले की लंबे समय से जांच चल रही है, इस मामले में अभिषेक बच्चन से भी पूछताछ हो चुकी है। इन दस्तावेजों में फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं।
ED कर रही मामले की जांच
इस पेपर लीक में अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय समेत कई भारतीय हस्तियों के नाम थे। इस मामले में नाम सामने आने के बाद अमिताभ ने कहा था कि उन्होंने भारतीय नियमों के तहत ही विदेश में धन भेजा है। इससे पहले भी पनामा पेपर लीक मामले में बच्चन परिवार का नाम आया था। तब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में मनी लॉड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था।
Enforcement Directorate summons Aishwarya Rai Bachchan in a case being investigated by the agency: Sources
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— ANI (@ANI) December 20, 2021
क्या था मामला
टैक्स हेवेन कहे जाने वाले देश पनामा की एक लॉ फर्म मोसेक फोंसेका का 40 साल का डेटा 3 अप्रैल, 2016 को लीक हो गया था। डेटा में इस बात का खुलासा हुआ कि दुनियाभर के अमीर और प्रभावशाली लोग टैक्स बचाने के लिए पैसा ऑफ-शोर कंपनियों में लगा रहे हैं। इन दस्तावेजों में फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं। इस तरह से बड़े तौर पर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग तक हो रही थी।
देश से बाहर एक कंपनी की डायरेक्टर थीं ऐश्वर्या?
दावा किया गया कि ऐश्वर्या राय देश से बाहर एक कंपनी की डायरेक्टर और शेयरहोल्डर थीं। कंपनी का नाम अमिक पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड था। इसका हेडक्वार्टर वर्जिन आइलैंड्स में था। यह कंपनी 2005 में बनाई गई। तीन साल बाद, यानी 2008, में कंपनी बंद हो गई थी। ऐश्वर्या के अलावा पिता के. राय, मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय भी कंपनी में उनके पार्टनर थे। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ बच्चन को 4 कंपनियों का डायरेक्टर बनाया गया था। इनमें से तीन बहामास में थीं, जबकि एक वर्जिन आइलैंड्स में थी। इन्हें 1993 में बनाया गया।
मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन
मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। फिर केंद्र सरकार ने इस मामले में मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) का गठन किया था। इनमें CBDT, RBI, ED और FIU को शामिल किया गया था। MAG सभी नामों की जांच करके रिपोर्ट काले धन के जांच के लिए बनी SIT और केंद्र सरकार को दे रही थी।