
रामकुमार तिवारी विदिशा। आज जहां विज्ञान की तरक्की के कारण मौसम की जानकारी लगाने के लिए कई मशीनरी और आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं। मौसम वैज्ञानिक भी इस कार्य में जुटे हुए हैं और वे मौसम का पूर्वानुमान बता देते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद जिला मुख्यालय स्थित लुहांगी पहाड़ी पर हर साल गुरुपूर्णिमा पर हवाओं के रुख से सालभर के मौसम का पूवार्नुमान ज्योतिष शास्त्र के आचार्य वराह मिहिर के प्राचीन ग्रंथ वराही संहिता पद्धति से वायु परीक्षण कर किया जाता है।
जानकारी के अनुसार इस वायु परीक्षण के भरोसे ही जिले के अधिकांश किसान खेती- बाड़ी का कार्य करते हैं और वे मौसम आधुनिक उपकरणों और वैज्ञानिकों से ज्यादा इस पद्धति पर विश्वास करते हैं। धर्माधिकारी गिरधर गोविंद प्रसाद शास्त्री द्वारा आषाढ़ शुक्ल गुरु पूर्णिमा पर सोमवार की शाम राजेन्द्रगिरी लुहांगी पहाड़ी पर वर्षा की भविष्यवाणी के लिए ज्योतिष शास्त्र के आचार्य वराह मिहिर के प्राचीन ग्रंथ वराही संहिता पद्धति से वायु परीक्षण किया जाएगा।
पं.उमाशंकर शास्त्री ने की थी शुरुआत
धर्माधिकारी पं. गोविंद प्रसाद शास्त्री के पिता धर्माधिकारी पं. उमाशंकर शास्त्री ने इसकी शुरूआत लुहांगी पहाड़ी से 107 वर्ष पूर्व की थी। उनके बाद यह जिम्मेदारी धर्माधिकारी गोविंद प्रसाद शास्त्री ने निभाई और अब उनके पुत्र धर्माधिकारी गिरधर शास्त्री यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। गिरधर शास्त्री ने बताया कि उनके पूर्वज पिछले लगभग 107 साल से यह वायु परीक्षण कर रहे हैं। धर्माधिकारी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के आचार्य श्री वराह मिहिर का जो ग्रंथ है वराह संहिता उसके सूत्रों के अनुसार फलादेश किया जाता है।