इंदौरमध्य प्रदेश

इस बार भी 10वीं का एग्जाम नहीं दे पाएंगी BJP विधायक, बताई ये वजह; गांव में स्कूल नहीं होने से अधूरी रह गई थी शिक्षा

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के नेपानगर विधानसभा सीट से भाजपा विधयाक सुमित्रा कास्डेकर ने इस बार 10वीं कक्षा की परीक्षा का पर्चा भरा था। लेकिन, वह इस बार भी परीक्षा नहीं दे पाएंगी। उनकी अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने इस बार 10वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म भरा था। विधयाक सुमित्रा कास्डेकर ने कहा कि वह विधानसभा सत्र में व्यस्त रहेंगी, इसलिए अगली बार परीक्षा के लिए तैयारी करेंगी। इस बार वह परीक्षा नहीं देंगी।

21 साल पहले छोड़ दी थी परीक्षा

सुमित्रा कास्डेकर ने करीब 21 साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी। जानकारी के मुताबिक, गांव में स्कूल नहीं होंने की वजह से उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने इस बार 10वीं का फॉर्म भरा था। उन्हें परीक्षा केंद्र बुरहानपुर का शासकीय सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकंडरी स्कूल मिला है। आज से मध्य प्रदेश में 10वीं की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। यहां वह अन्य विद्यार्थियों के साथ सामान्य छात्रा के रूप में परीक्षा में शामिल होने वाली थी। परीक्षा में उनके विषय हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी और विज्ञान थे। आज ही के दिन विधानसभा में बजट पेश किया गया है।

सुमित्रा कास्डेकर का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सेमाडोह में 15 अगस्त 1983 को हुआ था। स्कूल के दस्तावेजों में उनका नाम बाली सेमलकर दर्ज है। सुमित्रा उनका जन्म का नाम है। उन्होंने 8वीं तक शिक्षा प्राप्त की। गांव में स्कूल नहीं होने के कारण वह इसके आगे नहीं पढ़ पाईं। 1999 में उनकी शादी देड़तलाई के वेटनरी डॉ. राजेश कास्डेकर से हुई। राजेश गायत्री परिवार बुरहानपुर के ट्रस्टी भी हैं। शादी के बाद भी उनकी पढ़ने की इच्छा रही, लेकिन जिम्मेदारियों के कारण वह इसे पूरा नहीं कर पाईं।

अगली बार देखेंगे : सुमित्रा कास्डेकर

परीक्षा नहीं दे पाने को लेकर विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने कहा कि विधानसभा सत्र है, इसलिए परीक्षा नहीं दे पाएं, क्या करें। अगली बार देखेंगे। यहां बजट सत्र में रहना भी काफी जरूरी है। यह एक महीने का सत्र होता है। 27 मार्च तक चलेगा, हालांकि बीच में मैं अपनी विधानसभा नेपानगर में आती रहूंगी।

सुमित्रा कास्डेकर का राजनीतिक सफर

सुमित्रा कास्डेकर के भाई साबूलाल सेमलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। शादी के बाद सुमित्रा ने 2009 में सरपंच का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाई। इसके बाद 2018 में जनपद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीतीं। 2019 में कांग्रेस के टिकट पर नेपानगर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बनीं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं और 2020 भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक चुनी गईं।

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