
भोपाल/इंदौर/जबलपुर। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर देश भर में पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस पर्व की विशेष रौनक नर्मदा और क्षिप्रा नदी के घाटों पर देखने को मिली। श्रद्धालु सुबह से ही घाटों पर स्नान और पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े। भक्त कड़ाके की ठंड के बीच नर्मदा स्नान कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पवित्र नदी में डुबकी लगा रहे हैं।
घाटों पर आस्था का सैलाब
नर्मदापुरम जिल के सेठानी घाट पर मकर सक्रांति के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। नर्मदापुरम के सेठानी घाट, जबलपुर के ग्वारीघाट, भेड़ाघाट और तिलवारा, महाकाल की नगरी में क्षिप्रा के रामघाट व त्रिवेणी घाट समेत ओंकारेश्वर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से मां नर्मदा की पूजा की और प्रसाद वितरण की परंपरा निभाई। वहीं स्नान के बाद भक्तों ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।
पर्व का विशेष महत्व और परंपराएं
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मकर संक्रांति का महत्व इसलिए अधिक है, क्योंकि इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण हो जाते हैं। यह दिन मांगलिक कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है। पुण्य नदियों और तीर्थों में स्नान-दान से अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। तिल दान और गरीबों की सहायता करने की परंपरा इस पर्व को सामाजिक सरोकारों से जोड़ती है।
तेंदूखेड़ा : नर्मदा के घाट पर लगा मेला
मकर संक्रांति के अवसर पर तेंदूखेड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुण्य मां नर्मदा के पावन तटों पर श्रद्धालुओं ने पहुंचकर आस्था और पर्व की डुबकी लगाते हुए पूजा अर्चना की। वहीं भगवान ब्रह्मा की तपस्थली ब्रम्हांड घाट में 15 दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है। ककरा घाट बिल्थारी करोंदी बारह सिमरिया घाट के साथ साथ मृन्नाथ धाम में भी मेलों का आयोजन किया गया है। छोटे छोटे बच्चों ने अपने परिजनों के साथ जाकर आनंद लुत्फ उठा रहे हैं।
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