
World Heart Day 2023 : आज कल में युवाओं में हार्ट के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। युवाओं और बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। आप ने यह खबर तो सुनीं ही होगी कि कई लोग खेलते, पढ़ते, वर्क आउट व डांस करते हार्ट अटैक का शिकार हो गए हैं। पिछले दो दशकों में भारत में दिल की रोगियों की संख्या 40 से 45% तक बढ़ गई है और इसी अवधि में यह दर 155.7 से बढ़कर 209.01 प्रति लाख की आबादी पर हो गई है।
हार्ट अटैक इन यंग ऐज
हार्ट अटैक को पहले बुजुर्गों की बीमारी के रूप में जाना जाता था, क्योंकि सालों पहले 40 साल से कम उम्र के लोगों को दिल का दौरा पड़ना दुर्लभ था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब बूढ़ों से लेकर युवा और बच्चे भी कॉर्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं। आज कल के युवा सादा खाना खाने में नखरे दिखाते हैं, अब उन्हें केवल तेल से तला हुआ और फास्ट फूड ही अपनी और आकर्षित कर रहा है। फ्राइड फूड के ज्यादा सेवन करने से युवाओं में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ रहा है।
यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि युवा में हार्ट अटैक बढ़ने की एक वजह फास्ट फूड भी है। इसके बहुत सारे रिस्क फैक्टर हैं, जैसे- तंबाकू का सेवन या धूम्रपान करना, अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, डायबिटीज, मसालेदार भोजन का अधिक सेवन, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर आदि प्रमुख हैं।
बच्चों में भी बढ़ रही हार्ट की शिकायत
दिल का दौरे पड़ने की बीमारी अब बच्चों के लिए भी खतरा बन गई है। इसकी वजह बच्चों का खान-पान, फिजिकल एक्टिविटी न करना, पौष्टिक खाना खाने की जगह फास्ट फूड खाना, देर रात तक ज्यादा समय सोशल मीडिया या ऑनलाइन गेम्स में इन्वेस्ट करना है। यदि बच्चे फिजिकल एक्टिविटी नहीं करेंगे और ज्यादा तला हुए खाने का सेवन करेंगे तो ऐसे में उन्हें जल्द हार्ट की बीमारी की शिकायत हो सकती है।
क्या है इस बार की हार्ट डे की थीम
इस बार वर्ल्ड हार्ट डे 2023 की थीम ‘यूज हार्ट, नो हार्ट (Use Heart, Know Heart) यानी हृदय का उपयोग करें और हृदय को जाने। 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे पूरी दुनिया में इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए जागरूक हो और समय रहते ही इससे बचा जा सकें, ताकि वे हार्ट प्रॉब्लम के शिकार न हो जाए।
हार्ट को हेल्दी रखने के उपाय
‘कहते हैं न दिल खुश तो सब खुश’ तो अपने दिल को स्वस्थ और खुश रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें। साथ ही लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज को लेकर जागरूक रहें। कम से कम फास्ट फूड का सेवन करें और गलत आदतों को अपनी दिनचर्या से बाहर निकाल फेंके। अपने जीवन शैली में बदलाव करके ही हम दिल की बीमारियों से खुद को महफूज रख सकते हैं।
हृदय के गंभीर रोग
हृदय की गंभीर रोगों में रुमेटिक हृदय रोग, स्ट्रोक, हृदयाघात, पेरिकार्डियल बहाव, जन्मजात हृदय दोष, कोरोनरी धमनी रोग, एनजाइना, कॉर्डियक अरेस्ट आदि शामिल है। दिल की इन बीमारियों से दूर रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की जरूरत है।
ऐसे हुई वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत
दुनिया में पहली बार वर्ल्ड हार्ट डे 24 सितंबर 2000 को मनाया गया था। वर्ल्ड हार्ट डे मनाने का विचार विश्व स्वास्थ्य महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी को आया था। इस विचार पर उन्होंने एक रिपोर्ट पेश भी की, जिसे अपनाने के बाद वर्ष 2000 में हृदय दिवस मनाया गया। बाद में 2012 से 2025 तक 25 फीसदी वैश्विक मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाने का फैसला किया गया।
(इनपुट- सोनाली राय)
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