वर्जीनिया/वॉशिंगटन DC। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीनियर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान वे वॉशिंगटन डीसी में स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां उन्होंने छात्रों- शिक्षकों से बातचीत करते हुए कहा- भारत भाषाओं, परंपराओं और धर्मों का एक संघ है, जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं। यह भारत की प्रकृति है।
इसके साथ ही राहुल ने भाजपा और RSS पर निशाना साधते हुए कहा- यह बीजेपी और RSS की गलतफहमी है कि वे सोचते हैं कि भारत अलग-अलग चीजों का एक समूह है। वहीं उन्होंने PM नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जो चर्चा में आ गया है।
मुझे मोदी जी पसंद हैं : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा- आप आश्चर्यचकित होंगे लेकिन मुझे मोदी जी पसंद है, मैं वास्तव में नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता। मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता। कई मौकों पर मैं उनके साथ सहानुभूति रखता हूं।
संविधान खत्म तो सबकुछ खत्म : राहुल
राहुल गांधी ने कहा- चुनाव से पहले हमें इस बात की चिंता थी कि संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्जा कर लिया है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा है। हमारे लिए यह फेयर गेम नहीं था। हम यह लोगों को बता रहे थे लेकिन वे इस बात को नहीं समझ पा रहे थे।
इसके बाद मैंने संविधान को अपने साथ रखना शुरू कर दिया और लोगों को सब समझ में आने लगा। गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत ने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। गरीब लोगों को यह समझ में आ गया कि ये लड़ाई संविधान को बचाने वालों और इसे खत्म करने वालों के बीच है।
इस बार के चुनाव नियंत्रित चुनाव थे : राहुल
राहुल गांधी ने कहा- जातिगत जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हुआ, ये सब चीजें अचानक से साथ हो गईं। मुझे नहीं लगता कि एक निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 सीट तक भी जीत सकती थी. उनके पास वित्तीय सहायता थी, उन्होंने हमारे बैंक अकाउंट लॉक कर दिए। चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वो चाहते थे।
पूरा चुनाव अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें। जिन राज्यों में वे (बीजेपी) कमजोर थे उन्हें अलग तरीके से डिजाइन किया गया। जहां वे मजबूत थे वहां अलग तरीके से डिजाइन किया गया। मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।
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