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नहीं रहीं मशहूर गायिका वाणी जयराम, इसी साल पद्म भूषण से किया था सम्मानित

एंटरटेनमेंट डेस्क। संगीत जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। मशहूर गायिका वाणी जयराम का शनिवार को निधन हो गया है। उन्होंने 78 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। बताया जा रहा है कि गायिका चेन्नई स्थित अपने घर में मृत पाई गई हैं। हाल ही में भारत सरकार द्वारा वाणी जयराम को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वह साउथ इंडिया सिनेमा में सक्रिय थीं। जानकारी के मुताबिक, रविवार को गायिका का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

गायिका के घर जांच करने पहुंची पुलिस

वाणी जयराम की मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसकी जांच के लिए पुलिस भी उनके घर पर पहुंच चुकी है। वाणी जयराम के घर पर काम करने वाली मलारकोडी का बयान सामने आया है। मलारकोडी ने कहा कि मैंने पांच बार घंटी बजाई, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। यहां तक कि मेरे पति ने भी उन्हें फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल भी नहीं उठाया। इस घर में वो अकेले ही रहती थीं।

वाणी जयराम ने 10 हजार गाने रिकॉर्ड किए

गायिका वाणी जयराम ने साल 1971 में अपने करियर की शुरुआत की थी। 50 सालों में उन्होंने एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर 10 हजार से भी ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं। उन्होंने पहला गाना साल 1971 में आई जया बच्चन की फिल्म गुड्डी में गाया था। इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था।

इतनी भाषाओं में गाए थे गाने

वाणी जयराम ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी और उड़िया में कई गाने गाए थे। उन्हें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा से राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वाणी को अपनी शानदार आवाज के लिए भारत सरकार द्वारा 3 नेशनल अवॉर्ड मिले। इसके अलावा उनके नाम तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड भी हैं।

कई गानों को आवाज दी

मशहूर गायिका वाणी जयराम ने अपने करियर में कई खूबसूरत गानों को आवाज दी है। उनके पॉपुलर हिंदी सॉन्ग्स की बात करें तो उन्होंने बोले रे पपिहरा, हमको मन की शक्ति देना, प्यार कभी कम ना करना सनम, मेरा कर दो अमर सुहाग, ये रूप तेरा फूल सा चेहरा, दिलबर मेरे, दिल में दर्द और हरि बिन कैसे जियूं जैसे गाने शामिल हैं।

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