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रातापानी सेंक्चुरी में टाइगर की मौत, टेरिटोरियल फाइट में घायल हुआ था 4 साल का नर बाघ

भोपाल। राजधानी से सटी रातापानी सेंक्चुरी में आज एक टाइगर की मौत हो गई। घटना दाहोद रेंज के करमई क्षेत्र की है। जानकारी के मुताबिक इस एरिया में अपना वर्चस्व जमाने के लिए दो बाघों के बीच लगभग 8 दिन पहले टेरिटोरियल फाइट हुई थी। इस संघर्ष में घायल हुए 4 साल के एक टाइगर ने गंभीर चोटों के कारण आज सुबह  दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे बाघ को खोजने में फॉरेस्ट की टीमें जुटी हुई हैं। अभ्यारण्य में मृत हुए बाघ के शव को आज वन विहार लाकर उसका पोस्टमॉर्टम कर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इस टाइगर को विगत 18 तारीख को पहली बार घायल अवस्था में देखा गया था और वह शिकार करने में और चलने में अक्षम था। अभ्यारण्य प्रबंधन इस दौरान घायल टाइगर को पानी और बकरे का मांस उपलब्ध करा रहा था।

गोल घेरे में टाइगर

लगातार निगाह रख रहा था अमला

फोरेस्ट की टीम इस घायल बाघ पर लगातार नजर रखे हुए थी। गुरूवार को दोपहर बाद जब वन विभाग का आमला अपनी नियमित जांच के लिए पहुंचा तो बाघ की हालत बेहद गंभीर थी। आज सुबह इस बाघ की गंभीर हालत को देखते हुए इसे रेस्क्यू कर उसका उपचार करने का फैसला किया गया था।  वन्यप्राणी चिकित्सकों ने जब इसका उपचार शुरू किया,  तब तक काफी देर हो चुकी थी और काफी प्रयासों के बाद इसे बचाया नहीं जा सका। वन विहार की संचालक पद्मप्रिया बालाकृष्णन ने बताया कि इस बाघ के शरीर पर चोटों के काफी निशान थे। इससे आपसी संघर्ष की पुष्टि हो रही है। वन विहार और रातापानी सेंक्चुरी के वन्य प्राणी चिकित्सकों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर पार्क प्रबंधन को अब तक उस टाइगर की जानकारी नहीं मिली है, जिसके साथ आज मृत हुए बाघ की लड़ाई हुई थी।

(इनपुट – संतोष चौधरी)

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