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एकता की ताकत, गायों ने घेरा तो टाइगर हुआ भागने पर मजबूर, कैमरे में कैद हुआ हैरतअंगेज नजारा, जानिए कहां हुआ ये अनोखा घटनाक्रम..!

भोपाल। एक बारगी शायद आपको भी यकीन न हों, लेकिन ये सच है। अपनी सहेली को बचाने के लिए सीधी-सादी गायों ने एकता की ऐसी मिसाल दिखाई कि बाघ को मैदान छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा। ये वाकया लोगों तक इसलिए पहुंच सका, क्योंकि यह नजारा  CCTV कैमरे में कैद हो गया। इन गायों ने ऐसा घेरा बनाया कि टाइगर उसे भेद नहीं सका। इन गायों के व्यवहार ने साबित कर दिया कि एकता में इतनी ताकत होती है कि बड़ी से बड़ी चुनौती को भी दूर भगाया जा सकता है। आप भी इन CCTV video को देखने के लिए नीचे दिए गए ट्वीट पर क्लिक करें।

बनाया ऐसा अभेद घेरा कि भागना तक हुआ मुश्किल

रात को बाघ भोपाल के भदभदा इलाके के मदर बुल फार्म में घुस गया। उसने वहां बैठी हुई एक गाय पर हमला बोला। गाय की पुकार सुनकर आस-पास खड़ी गायें एकदम दौड़कर आईं और टाइगर को घेर लिया। आस-पास इतनी सारी गायों को देख बाघ को कुछ समझ नहीं आया, लिहाजा वह पास ही एक टीले पर जाकर चढ़ गया। इस दौरान गायों ने ऐसा घेरा बनाया कि बाघ की नीचे उतरने की हिम्मत तक नहीं हुई। हालांकि कुछ देर के लिए जब गाय सुस्ताने लगीं तो बाघ ने एक बार फिर हमला करने की ठानी, लेकिन इस बार पहले से चौकन्नी गायों ने बाघ को दोबारा खदेड़ दिया।

सांकेतिक फोटो

साढ़े तीन घंटे तक चला शह और मात का खेल

बाघ ने तकरीबन रात 1 बजे पहला हमला बोला। जिसे गायों ने मिलकर नाकाम कर दिया। इसके बाद गाय घेरा बनाकर खड़ी हो गईं और टाइगर नजदीक के टीले पर जाकर बैठ गया। एक घंटे के इंतजार के बाद बाघ ने फिर गाय पर हमला करने का मन बनाया, लेकिन इस बार पहले से सजग गायों ने फिर बाघ को टीले पर वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया। तकरीबन सुबह साढ़े 4 बजे आखिरकार बाघ निराश होकर बगैर शिकार किए वहां से रफूचक्कर हो गया। गौरतलब है कि बुल मदर फार्म में लगभग 600 गाय हैं, इनमें से केवल 30 गायों को वहां बनी गौशाला में खाने के लिए खुला छोड़ा गया था। इन्ही 30 गायों ने मिलकर बाघ को बगैर शिकार किए भागने पर मजबूर कर दिया।

घायल गाय खतरे से बाहर, बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

मप्र कुक्कुट एवं पशुपालन विकास निगम के प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरिया के मुताबिक इस घटना के बाद बुल मदर फार्म की गायों की सुरक्षा के लिए फैंसिंग को ऊंचा कराया जा रहा है। साथ ही टाइगर मूवमेंट को देखते हुए रात में चौकीदारों की संख्या में इजाफे के साथ ही फॉरेस्ट गार्ड भी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही बाघ के पंजे और दांत से जख्मी गाय का उपचार कराया गया है और वह खतरे से बाहर है।

 

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