
भोपाल। प्रदेश में नए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव बनने के बाद सरकारी कार्यालयों में पांच दिन काम काज के बजाय फिर से 6 दिन करने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग प्रस्ताव तैयार कर सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखेगा। इसकी मुख्य वजह यह है कि पांच दिनों की वर्किंग में सरकारी विभागों में लोगों को काम कराने में दिक्कत होती है। उन्हें सरकारी काम कराने के लिए छुट्टी के दो दिन इंतजार करना पड़ता है। वहीं पांच दिनों की वर्किंग में कर्मचारियों को सुबह 10 बजे 6 बजे से रुकना चाहिए था, लेकिन साढ़े पांच बजे के ऑफिस बंद हो रहे हैं।
कोरोना काल के दौरान सरकार ने पांच दिन सरकारी कार्यालयों की वर्किंग पांच दिन के लिए किया था। अब नई सरकार का गठन हो गया है। नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बन गए हैं और प्रशासनिक मुखिया भी बदल गए हैं। इसके साथ ही कोरोना की स्थितियां भी सामान्य हो गई है। अब फिर से 6 दिन वर्किंग करने पर गुणाभाग शुरू कर दिया गया है। इसमें यह देखा जा रहा है कि 6 दिनों के वर्किंग में बिजली सहित अन्य आफिस खर्च कितना होगा।
लोग बोले-काम प्रभावित
इधर शहडोल जिले के रहने वाले प्रताप रैकवार का कहना है कि सरकारी ऑफिसों में लगातार दो दिन अवकाश से काम प्रभावित होता है। इनका जमीन संबंधी मामला अनूपपुर तहसील में पिछले चार वर्ष से चल रहा है।
यह सरकार का काम
इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी दिलीप कापसे का कहना है कि पांच और 6 दिन की वर्किंग पर निर्णय लेना सरकार का काम है। पांच दिन की वर्किंग अवधि कितने दिन के लिए बढ़ाई गई है, यह फाइल देखकर ही बता पाएंगे।