
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से मुरैना में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक के निलंबन को तत्काल वापस लेने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही निशाना साधते हुए कहा कि यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफरत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
आदिवासी समाज से खेद व्यक्त करें : कमलनाथ
पीसीसी चीफ एवं पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा, मुरैना में पदस्थ आदिवासी प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को केवल इसलिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि वो शाम की गणना में नहीं पहुंच सके। यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफरत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है। शिवराज जी, आपसे आग्रह है कि तत्काल इस द्वेष पूर्ण कार्यवाही पर रोक लगाते हुए प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया का निलंबन वापस करें और आदिवासी समाज से खेद व्यक्त करें।
मुरैना में पदस्थ आदिवासी प्रधान आरक्षक विक्रम अछालिया को केवल इसलिये निलंबित कर दिया गया क्योंकि वो शाम की गणना में नहीं पहुँच सके।
यह कृत्य शिवराज सरकार की आदिवासियों के प्रति नफ़रत, ईर्ष्या, अमानवीयता और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
शिवराज जी, आपसे आग्रह है कि तत्काल इस द्वेष… pic.twitter.com/xKzlNTIyDM
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 21, 2023
सस्पेंड करने के साथ गुना किया अटैच
दरअसल, विक्रम अछालिया अपनी कंपनी के साथ पिछले 6 माह से मुरैना में हैं। यहां इनकी कंपनी वन विभाग के साथ मिलकर सुरक्षा के लिए लगाई है। वहीं 16 मई को 24वीं वाहिनी के कमांडेंट ने इनका सस्पेंशन लेटर जारी किया। जिसमें लिखा गया कि 16 मई को डी कंपनी वन कैंप मुरैना में हुई गणना में विक्रम अछालिया नहीं आए। इनसे फोन पर संपर्क किया गया, जो कि नहीं हो सका। वहीं, यह बैरक व अन्य जगह पर भी नहीं मिले। विक्रम को सस्पेंड करने के साथ गुना अटैच किया गया।
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