
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो जून तक बढ़ा दी है। इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में सिसोदिया प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में हैं।
सिसोदिया फिलहाल सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें हाल ही में ईडी मामले में भी जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
Delhi's Rouse Avenue Court extends former Delhi Deputy CM Manish Sisodia's judicial custody till June 2 in the CBI case. Consideration of the charge sheet pending before the court. https://t.co/CafCuSCAd7
— ANI (@ANI) May 12, 2023
पत्नी को जेल से वीडियो कॉल कर सकेंगे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया अपनी पत्नी को वीडियो कॉल कर सकेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों को मैन्यूअल के हिसाब से पूर्व डिप्टी सीएम को एक दिन के अंतराल पर दोपहर 3 से 4 बजे के बीच पत्नी से बात बात कर पाएंगे।
मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया लंबे समय से मल्टीपल स्केलेरोसिस बीमारी से पीड़ित हैं। पढ़ाई के लिए बेटे के विदेश जाने और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद से वह घर में अकेली हैं, जिस वजह से वे तनाव में रहती हैं। उनका इलाज कर रहे अपोलो के डॉक्टरों का कहना है कि, मल्टीपल स्केलेरोसिस की बीमारी में मरीज के दिमाग का शरीर पर से नियंत्रण घटता चला जाता है। वर्तमान में इनमें भी ऐसे ही लक्षण दिख रहे हैं। इसके चलते उनको चलने या बैठने में काफी परेशानी हो रही है।
ED ने कोर्ट में क्या कहा था
जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा था कि, मनीष सिसोदिया से CCTV की निगरानी में पूछताछ की जा रही है। जांच अहम मोड़ पर है अगर अभी हिरासत नहीं मिली तो सब मेहनत बेकार जाएगी। वहीं सिसोदिया के वकील ने पक्ष रखते हुए कहा था कि, एजेंसी पूछताछ के नाम पर उन्हें सिर्फ इधर-उधर बैठाती है।
ईडी ने कहा था कि, मामले की शिकायत होते ही मनीष सिसोदिया ने 22 जुलाई को मोबाइल बदला था। ईडी ने दावा किया कि सिसोदिया के कम्प्यूटर से मिले मार्च 2019 के दस्तावेजों में 5 फीसदी कमीशन था जो सितंबर 2022 में बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था।
ED ने सिसोदिया को 9 मार्च को किया था गिरफ्तार
दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 मार्च को सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की 7 दिन (17 मार्च तक) की रिमांड ईडी को दी थी, जो 17 मार्च को खत्म हो गई। जिसके बाद कोर्ट ने 5 दिन (22 मार्च तक) की और रिमांड बढ़ा दी थी।
सिसोदिया पर लगे हैं ये आरोप
शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। जांच एजेंसी ने सिसोदिया को दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति में अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया था। आरोप हैं कि दिल्ली की आबकारी नीति में शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदलाव किए गए और उनसे मोटी रकम वसूली गई। कोर्ट में सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई बार-बार एक ही सवाल पूछकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।
26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। दो दिन बाद उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 4 मार्च 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) रिमांड बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई को दो दिन की और रिमांड मंजूर की थी। कोर्ट ने 51 वर्षीय सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया और मामले को 10 मार्च के लिए लिस्टेड किया।
सीबीआई ने कोर्ट में कहा था- अभी भी असहयोगी हैं और हमें दो व्यक्तियों के साथ उनका आमना-सामना करने के लिए और हिरासत की आवश्यकता है। सिसोदिया की तरफ से सीबीआई की रिमांड का विरोध करते हुए वरिष्ठ वकील ध्यान कृष्णन ने कहा था कि, पहले दिन से आज तक में क्या अंतर है? क्या मेरे घर और ऑफिस में छापा मारने, मुझे सीबीआई हिरासत में रखने से कोई दस्तावेज तैयार होगा? क्या इसका कोई तर्क है?