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Earthquake: फिलीपींस में भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, 7.0 रही तीव्रता; अफगानिस्तान में भी लगे झटके

फिलीपींस में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.0 दर्ज की गई। हालांकि, इस दौरान किसी तरह के हताहत होने की खबर नहीं मिली है और ना ही सुनामी की कोई चेतावनी दी गई है। वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और उजबेकिस्तान के कुछ हिस्सो में भी मंगलवार की देर रात भूकंप आया था। इससे भी किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

कहां था भूकंप का केंद्र

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके फिलीपींस की राजधानी मनीला में बुधवार सुबह करीब 6:13 पर महसूस किए गए। हालांकि इस भूकंप का केंद्र मनीला से करीब 336 किलोमीटर दूर उत्तर की ओर था। भूकंप की गहराई केंद्र में 10 किमी मापी गई है। यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र अबरा प्रांत के डोलोरेस शहर से लगभग 11 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में था।

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के तीव्र झटकों के कारण इमारतों और मकानों की दीवारों में दरारें आ गयीं। गौरतलब है कि फिलीपीन भूकंप के लिहाज से संवदेनशील क्षेत्र है। देश में 1990 में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में करीब 2,000 लोग मोर गए थे।

अफगानिस्तान में आया भूकंप

अफगानिस्तान के फैजाबाद में बुधवार सुबह 2:07 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र फैजाबाद से 89 किमी दक्षिण में जमीन से 200 किमी गहराई में था।


पूर्वी अफगानिस्तान में जून में आए भूकंप में 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे, और 1,500 से अधिक लोग घायल हुए थे। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले और पक्तिका प्रांत के बरमाला, जिरुक, नाका और गयान जिले थे।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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