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पढ़ा हुआ भूलना, बैक पेन होना स्ट्रेस की निशानी, नींद, डाइट, एक्सरसाइज के साथ लें हर घंटे में ब्रेक

इस महीने शुरू होने जा रहे हैं बोर्ड एग्जाम। फोकस बढ़ाते हुए पढ़ने के एक्सपर्ट्स ने दिए टिप्स

 नींद, डाइट और एक्सरसाइज के जरिए मानसिक थकान और डर को काबू किया जा सकता है। बोर्ड एग्जाम शुरू होने के कुछ महीने पहले से स्टूडेंट्स की रातों की नींद उड़ने लगती है और वे घर स्टडी टेबल तक खुद को सीमित कर लेते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि शारीरिक और मानसिक थकान बढ़ने लगती है, जिससे पढ़ा हुआ भूलने जैसा महसूस होने लगता है। अब इसी महीने से 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा शुरू होने जा रही है। इस दौरान पैरेंटल प्रेशर भी स्टूडेंट्स महसूस करते हैं क्योंकि माता-पिता का पूरा ध्यान सिर्फ बच्चों की पढ़ाई तक सीमित रहता है। परीक्षा को कम से कम तनाव के साथ पूरे उत्साह से देना चाहते हैं तो नींद के घंटे कम न करें। साथ ही डाइट और एक्सरसाइज को न छोड़े। यह कहना है, फिटनेस एक्सपर्ट और साइकॉलोजिस्ट का। उनके मुताबिक भूलने से बचने के लिए मेंटल प्रेशर रिलीज करना जरूरी है।

हर एक घंटे में लें 15 से 20 मिनट का ब्रेक

कई बार जब हम काउंसलिंग में बच्चों को समझाते हैं कि हर 45 मिनट के बाद ब्रेक लें तो उन्हें इन बातों का महत्व समझ में नहीं आता लेकिन जो इन बातों को समझते हैं, वे एंजाइटी महसूस नहीं करते। लगातार पढ़ते रहने से कॉन्सन्ट्रेशन कम होने लगता है। एक बार में अधिकतम 45 मिनट पढ़ने के बाद 15 से 20 मिनट का ब्रेक लें। इसमें पानी पीएं, कुछ फ्रूट्स खाएं। अगली बार जब ब्रेक लें तो घर के बाहर वॉक या साइकलिंग के लिए निकलें, ताकि मेंटल प्रेशर को रिलीज किया जा सके। एक ही जगह बैठे रहने से नेक पेन और बैक पेन भी होने लगता है और यह अधिकांश बार यह दर्द तनाव की वजह से होता है। पैरेंट्स और बच्चों को लगता है कि यह दर्द मांसपेशियों का है, जबकि यह तनाव से संबंधित दर्द होता है जिसका निवारण सिर्फ हर दिन पढ़ाई के साथ मॉर्निंग-इवनिंग वर्कआउट ही है।

भूलने से बचने के लिए लिखकर देंखे टॉपिक्स

परीक्षा में अब चंद दिन बाकी हैं। इस बार सीबीएसई ने पेपर के बीच में गैप भी अच्छे दिए हैं जिससे तैयारी को बेहतर किया जा सकता है। पेपर के पैटर्न और मार्किंग स्कीम के हिसाब से जितनी तैयारी की है, उसका ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करें और जो चीजें भूल रहे हैं, उन्हें एक बार लिखकर देख लें, क्योंकि लिखा हुआ कंटेंट देर तक याद रहता है और परीक्षा के समय रीकॉल होता है।

फोकस रखने के लिए तीन टूल्स फॉलो करें

तीन टूल्स फॉलो करना है, नींद, डाइट और व्यायाम। अधिकांश बार बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चे पढ़ा हुआ भूलने लगते हैं और यह एक कॉमन समस्या है, तो इससे घबराने की जगह उपाय करना चाहिए। वहीं पैरेंट्स को परीक्षा के समय बच्चों से निगेटिव सवाल करने की बजाए जितना हो सके पॉजिटिव माहौल रखना चाहिए। यदि पैरेंट्स को लगता है कि बच्चा परेशान है तो खुलकर कह देना चाहिए कि उस पर जितना बन पड़े उतना पढ़े। इस समय कॉलेज एडमिशन, परसेंटेज, परफॉर्मेंस को लेकर बात न करना बेहतर होगा। – डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक

छात्रों को कराते हैं ब्रिदिंग एक्सरसाइज

हमारे पास कई बच्चे लाइट वर्कआउट के लिए आते हैं, जिन्हें ज्यादा एंजाइटी या स्ट्रेस होता है। वर्कआउट करने से पसीना निकलता है जिससे शरीर हल्का और दिमाग तरोताजा महसूस करता है। कुछ देर के लिए दिमाग डायवर्ट होता है और पॉजिटिविटी महसूस होती है। इसको अलावा बच्चे 15 से 20 मिनट का मेडिटेशन भी कर सकते हैं, जिसमें ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मन शांत होता है। हम कई बच्चों को यह एक्सरसाइज कराते हैं ताकि पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेकर वे घर पर भी इस टेक्नीक को फॉलो कर सकें। – महेश शर्मा, फिटनेस एक्सपर्ट

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