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शराब कारोबारियों पर मेहरबान कई जिलों के कलेक्टर

कैश परिवहन की दी थी अनुमति, आयोग की फटकार के बाद आदेश निरस्त

अशोक गौतम- भोपाल। विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना प्रदेश के कई कलेक्टरों ने शराब कारोबारियों को कैश परिवहन की अनुमित दे डाली। इस मामले का खुलासा एक शिकायत के बाद हुआ। इस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टरों को फटकार लगाई। आयोग की फटकार के बाद आनन-फानन में कलेक्टरों ने आदेश निरस्त करने के निर्देश मंगलवार को जारी किए। हालांकि, तब तक करोड़ों रुपए इधर से उधर हो चुके थे। दरअसल, प्रदेशभर में पिछले डेढ़ माह से विस चुनाव को देखते हुए जांच पड़ताल कर जब्ती की जा रही थी।

इससे बचने के लिए शराब कारोबारियों ने कलेक्टरों पर पैसे परिवहन करने का दबाव बनाया। कारोबारियों ने कहा कि चूंकि, कारोबार में पैसे का कलेक्शन देर रात तक हो पाता है और बैंक भी बंद हो जाते हैं। जब रात में जाते हैं, तो पुलिस पैसे जब्त कर लेती है। ऐसे में उन्हें पैसे परिवहन के लिए अनुमति दी जाए। कलेक्टरों ने आयोग को बिना बताए और बिना इजाजत के उन्हें अनुमति दे दी। इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में एक शिकायत की गई। कलेक्टरों से जानकारी बुलाई, तो मामला सही पाया गया। आयोग ने इस मामले में कलेक्टरों को फटकार लगाई और अनुमतियों को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए।

शराब कारोबारियों की तरफ से प्रस्ताव आया था। उनका कहना था कि चूंकि, शाम से बैंक बंद हो जाते हैं। उन्हें पैसे रखने में दिक्कत होती है। ऐसे में उन्हें अनुमति दी थी, लेकिन अब उस आदेश को निरस्त कर दिया है। – अनुराग वर्मा, कलेक्टर, सतना

शराब कारोबारियों ने पैसे परिवहन के लिए अनुमति मांगी थी। इस आधार पर पैसे के परिवहन की अनुमति दी थी, लेकिन अब उस आदेश को निरस्त कर दिया है। – अक्षय सिंह, कलेक्टर, ग्वालियर

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