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देश में पहले स्थान पर मप्र, लेकिन सबसे कम 5% आदिवासी स्ट्रीट वेंडरों को लोन

पीएम स्वनिधि योजना: सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग को मिला ऋण

भोपाल। बालाघाट शहर में रहने वाले सुनील पारधी सब्जी-भाजी का ठेला लगाते हैं। इन्होंने अब तक बैंक से कोई लोन नहीं लिया है। पीएम स्व निधि योजना के बारे में पूछने पर कहते हैं कि उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है। वहीं मंडला के अरविंद गौड़ कहते हैं कि वे रिक्शा चलाकर अपना जीविकोपार्जन करते हैं। उन्होंने बैंक से लोन नहीं लिया। प्रधानमंत्री स्वनिधि (स्ट्रीट वेंडर) योजना के क्रियान्वयन में मप्र लगातार चार साल से देश में पहले स्थान पर है। लेकिन, प्रदेश की कुल जनसंख्या में 21 प्रतिशत आदिवासियों में से महज 5 फीसदी जरूरतमंदों को ही बैंक से लोन मिल रहा है। जबकि सर्वाधिक ओबीसी वर्ग के हितग्राही 52 प्रतिशत हैं। प्रदेश में औसतन हर दिन 18 लोगों को बैंक ऋण मिल रहा है। शहरी इलाकों में संचालित योजना में अब तक 14.29 लाख से अधिक लोगों ने लोन के लिए आवेदन दिए हैं।

जनगणना 2011: प्रदेश का हर पांचवां व्यक्ति आदिवासी वर्ग से

जनगणना 2011 के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 153.16 लाख जो कि राज्य की कुल जनसंख्या का 21.10 प्रतिशत है, इस प्रकार प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां हर पांचवा व्यक्ति अनुसूचित जनजाति वर्ग का है ।

प्रदेश में 63 फीसदी लोन लेने वाले पुरुष:

पीएम स्वनिधि योजना पोर्टल की जानकारी के अनुसार प्रदेश में बैंक से लोन लेने वाले स्ट्रीट वेंडरों में 63 प्रतिशत पुरुष हैं। जबकि 37 फीसदी महिला विक्रेता लोन ले रही हैं।

इसलिए प्रारंभ हुई योजना

वर्ष 2020 में कोविड के कारण छोटे दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित हुआ था। इसलिए केंद्र सरकार ने पीएम स्व निधि योजना प्रारंभ करते हुए लोन के तौर पर 10 हजार रुपए की मदद की गई। इस योजना में विक्रेता, फेरीवाले, ठेले और रेहड़ी वाल को शामिल किया गया। ऋण लेने वाले विक्रेता 7 फीसदी की दर से ब्याज सब्सिडी पाने के पात्र हैं।

अमला सक्रिय नहीं है

कम लोगों को लोन मिलने का बड़ा कारण है कि सरकार के कर्मचारी अधिकारी आदिवासी बहुल इलाकों में सक्रिय नहीं है। शिक्षित करने और कौशल विकास की जरूरत है। आदिवासी वर्ग के लोग जानकारी के अभाव में योजना से नहीं जुड़ पा रहे हैं। बीएस कुलेश, पूर्व आईएएस

बैंक संवेदनशील बनें

योजना के क्रियान्वयन में हम देश में पहले स्थान पर हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में कम लोगों को लोन मिलने पर बैंकों को और संवेदनशील होना चाहिए। वहां के लोगों को प्राथमिकता से लोन दिया जाए। कैलाश बानखेड़े, स्टेट मिशन डायरेक्टर, पीएम स्वनिधि योजना

  प्रदेश में योजना की स्थिति

कुल आवेदन आए                       14,29481
लोन के पात्र मिले                        12,11,798
लोन वितरण                                11,64,481
लाभार्थी संख्या                            8,27,449
स्वीकृत राशि                              1,740.95 करोड़
वितरण राशि                              1,662.41करोड़
ऋण चुकाया गया                      4,41,748
पुराना टारगेट                           4,05,000

योजना में इसलिए है मध्यप्रदेश पूरे देश में आगे

  राज्य                     आवेदन संख्या                 वितरण संख्या                     टारगेट पूरा (प्रतिशत)
मध्यप्रदेश                      14.29                               11.64                                     109.57
उत्तरप्रदेश                     20.30                               18. 32                                    99.92
आंध्रप्रदेश                     5.18                                  4.50                                       98.66
कर्नाटक                       4.98                                  4.85                                       89.79
दिल्ली                          3.22                                  2.04                                       88.45
आवेदन-वितरण संख्या लाख में (स्रोत- पीएम स्वनिधि पोर्टल)

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