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कांग्रेस में नहीं थम रहा इस्तीफे का दौर: आजाद के बाद तेलंगाना के पूर्व सांसद ने छोड़ी पार्टी, राहुल को बताया जिम्मेदार

कांग्रेस में जारी खींचतान के बीच शनिवार को पार्टी के एक और नेता ने इस्तीफा दे दिया। सीनियर नेता गुलाम नबी के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब तेलंगाना के कद्दावर नेता एमए खान ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की बर्बादी के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है। खान कांग्रेस में बागी G-23 ग्रुप के सक्रिय सदस्य थे और 2008 से लेकर 2020 तक राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।

खान ने पत्र में लिखी ये बात

एमए खान ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा है कि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जनता को यह समझाने में पूरी तरह विफल रही है कि वह अपनी विरासत को पा सकती है और देश को आगे बढ़ा सकती है। उन्होंने आगे कहा- जब तक आप सक्रिय थीं तब तक पार्टी में सीनियर नेताओं से सुझाव लिया जाता था लेकिन अब यह प्रक्रिया खत्म हो चुका है। कांग्रेस पार्टी में 40 साल के इस यात्रा को मैं अब समाप्त कर रहा हूं।

मनीष तिवारी बोले- मैं किराएदार नहीं हूं…

G-23 के सदस्य और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तिवारी ने कहा कि हाईकमान समझौता करने के मूड में नहीं था, इसलिए गुलाम नबी पार्टी छोड़ के चले गए हैं। तिवारी ने आगे कहा कि मैं किराएदार नहीं हूं, मैं इस घर को बनाने वाला हूं, इसलिए पार्टी छोड़ कर नहीं जाऊंगा।

जम्मू-कश्मीर में पांच नेता दे चुके हैं इस्तीफा

आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक पांच नेता कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम शामिल हैं। इनमें सरूरी को छोड़कर बाकी सब पूर्व विधायक हैं।

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आजाद ने इस्तीफे में राहुल पर क्या कहा था

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा था। अपने 5 पन्नों के पत्र में उन्होंने लिखा- राहुल गांधी ने पार्टी में एंट्री के साथ ही सलाह के मैकेनिज्म को तबाह कर दिया। खासतौर पर जनवरी 2013 में उनके उपाध्यक्ष बनने के बाद तो पार्टी में यह सिस्टम पूरी तरह बंद हो गया। राहुल की एंट्री के बाद सभी सीनियर और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और गैर अनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप खड़ा हो गया और यही पार्टी को चलाने लगा।

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