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ट्रेंचिंग ग्राउंड में 24 घंटे तक सुलगती रही आग… 300 से अधिक टैंकर ने पानी डालकर बुझाई; 50 से अधिकारी मौके पर पहुंचे

हेमंत नागले, इंदौर। गुरुवार दोपहर नगर निगम के देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में जो आग लगी हुई थी, उस पर 24 घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया गया। 300 से ज्यादा टैंकरों द्वारा आग को बुझाया गया। नगर निगम के 50 से अधिक कर्मचारी ट्रेंचिंग ग्राउंड में तैनात कर दिए थे। आग लगने की सूचना के बाद नगर निगम और दमकल लगातार प्रयास करती रही, लेकिन आग का धुआं उठता ही रहा और इलाके में धुएं से बदबू का अंबार लग गया। देवगढ़ स्थित कई कॉलोनियों में धुएं से रातभर रहवासी परेशान होते रहे।

मीडियाकर्मी को कवरेज से रोका

इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। पिछले लगातार 6 सालों से स्वच्छता में नंबर वन बने हुए हैं। जहां अब ट्रेंचिंग ग्राउंड की आग ने रहवासियों को परेशान कर दिया। गुरुवार दोपहर की इस आग को शुक्रवार दोपहर तक काबू पाया जा सका। घटना के बाद रिमूवल की गैंग को लगा दिया गया। कारण था कि कोई भी मीडियाकर्मी ना कवरेज कर सकें और ना ही इस आग की जानकारी सांझा हो सके।

गुरुवार को जिस समय आग लगी थी, उस समय भी कवरेज करने से रोकते हुए नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी दिखाई दिए। वहीं आग के लिए अज्ञात व्यक्ति को ही जिम्मेदार ठहराते रहे। हालांकि, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट सामने आया हैं। इस आग में एक पोकलेन जलकर राख हो गई।

निगम ने स्पष्ट नहीं किया आग लगने का कारण

24 घंटे बाद भी नगर निगम कोई भी अधिकारी मीडिया से चर्चा करने को तैयार नहीं है, क्योंकि नगर निगम की लापरवाही से साफ झलक रही थी। नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड प्रभारी से लेकर निगम आयुक्त भी इस मुद्दे पर कोई भी जानकारी देने को तैयार नहीं है। वही गर्मी का मौसम नजदीक है और ऐसे में 300 टैंकरों का पानी केवल ट्रेंचिंग ग्राउंड में ही बर्बाद कर दिया गया। आने वाले समय में जो पानी की दिक्कत होगी, शहर सामना करेगा। उसका जिम्मेदार कौन होगा यह बड़ा सवाल है।

CNG प्लांट भी पास था, शुक्र है हादसा नहीं हुआ

दरअसल, ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे से पहाड़ बना है। यहां आग लगते ही धुएं का गुबार उठा तो कई किलोमीटर दूर तक अफरा-तफरी मच गई। दरअसल, आग सीएनजी प्लांट (CNG PLant) के पास पड़े हुए शहर भर के कचरे में लगी थी। हालांकि, समय रहते लोगों की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने की कोशिश की। कई घंटे की मशक्कत के बाद भी यहां से धुआं उठता ही रहा। बताया जाता है कि यदि आग और विकराल रूप ले लेती और सीएनजी प्लांट तक पहुंचती तो बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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