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World Happiest Country : भारत की तुलना में पाकिस्तान ज्यादा खुशहाल, फिनलैंड 7वीं बार बना दुनिया का सबसे हैप्पी देश; जानें कैसे मिलता है ये दर्जा

इंटरनेशनल डेस्क। आज पूरे देश में इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस सेलिब्रेट किया जा रहा है। इसी खास अवसर पर UN ने वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स की रिपोर्ट जारी की है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तुलना में पाकिस्तान ज्यादा खुशहाल देश है। वहीं, फिनलैंड 7वीं बार दुनिया का सबसे हैप्पी देश बना। आइए जानते हैं कि खुशहाली मापने के लिए किन चीजों को ध्यान में रखकर लिस्ट तैयार की जाती है।

भारत की पोजीशन

इसमें रिपोर्ट में भारत 126वें स्थान पर है। वहीं, आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान सूची में 108वें नंबर पर है। ये पहली बार है जब अमेरिका और जर्मनी जैसे बड़े देश टॉप 20 में भी शामिल नहीं हैं। सर्वे में अमेरिका को 23वां स्थान मिला है, जबकि 24वें स्थान पर जर्मनी है। इसी के साथ कोस्टा रिका और कुवैत 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल हुए हैं।

फिनलैंड 7वीं बार बना सबसे खुशहाल देश

फिनलैंड ने दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की लिस्ट में लगातार 7वीं बार टॉप किया है। यह महज 55 लाख की आबादी वाला देश है। वहीं, 143 देशों में से अफगानिस्तान को लिस्ट में आखिरी स्थान मिला है। रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे खुशहाल देशों में ज्यादातर देश यूरोपीय हैं।

बड़ी आबादी वाले देश नहीं हैं हैप्पी

रिपोर्ट में कहा गया है कि, सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया का कोई भी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश शामिल नहीं है। टॉप 10 देशों में केवल नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की आबादी 15 मिलियन से अधिक है।

टॉप 20 देशों में केवल कनाडा और यूके की आबादी 30 मिलियन से अधिक है। साल 2006-10 के बाद से हैप्पीनेस इंडेक्स में रैंक में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में देखी गई, जबकि पूर्वी यूरोपीय देशों सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया की रैंक उछली है।

किस आधार पर जारी होती है हैप्पीनेस रैंकिंग लिस्ट

रिपोर्ट के अनुसार, इन 143 देशों की खुशहाली मापने के लिए 6 मानकों पर सवाल तैयार किए गए थे। इनमें संबंधित देश के प्रति व्यक्ति की GDP, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन के आधार पर रैंकिंग की गई। फिनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस रिसर्चर जेनिफर डी पाओला ने न्यूज एजेंसी को बताया कि फिनलैंड में रहने वाले लोगों का प्रकृति से घनिष्ठ संबंध और स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन उनके जीवन की संतुष्टि में महत्वपूर्ण स्थान है।

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