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भारत में दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन लॉन्च, बूस्टर डोज के तौर पर लगाई जाएगी; जानें कितनी होगी कीमत

नई दिल्ली। 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत में दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन लॉन्च की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और साइंस-टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया है। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा।

सरकारी और निजी अस्पताल में ये होगी कीमत

23 दिसंबर 2022 को भारत सरकार ने दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी थी। बता दें कि सबसे पहले नेजल वैक्सीन को प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे। दिसंबर में भारत बायोटेक ने घोषणा की थी कि यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रुपये में लगवाई जा सकेगी। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 800 रुपये देने होंगे। इस वैक्सीन के लिए कोविन (Cowin) पोर्टल से ही बुकिंग होगी।

18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मंजूरी

भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसे BBV154 कहा गया था। यह वैक्सीन नाक के जरिए स्प्रै करके दी जाती है, मतलब वैक्सीन लेने वाले की बांह पर टीका नहीं लगाया जाता। DCGI ने इंट्रा नेजल कोविड वैक्सीन को 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मंजूरी दी है।

4000 लोगों पर हुआ था ट्रायल

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन का 4 हजार वॉलिंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल किया है। इनमें से एक भी साइड इफेक्ट का मामला सामने नहीं आया। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पहले बूस्टर डोज के रूप में इंट्रानैसल वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी।

अगस्त महीने में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बाद साफ हो गया था कि BBV154 वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है। BBIL के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा था कि कोई भी इंजेक्टेबल वैक्सीन सिर्फ शरीर के निचले हिस्से को सुरक्षित करती है, जबकि नेजल वैक्सीन पूरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है।

कौन लगवा सकता है ये वैक्सीन ?

ये वैक्सीन सिर्फ बूस्टर डोज के तौर पर लगाई जाएगी। यानी, जो लोग पहले वैक्सीन की दो डोज ले चुके हैं, उन्हें ही ये वैक्सीन दी जाएगी। सबसे पहले इसे प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे।

नेजल वैक्सीन के कुछ फायदे

  • वायरस को नाक में ही खत्म किया जा सकेगा। इससे वो फेफड़ों को इंफेक्ट नहीं करेगा।
  • इसके लिए हेल्थ वर्कर को ट्रेनिंग नहीं देनी पड़ेगी। इसे नेजल स्प्रे की तरह नाक में बूंद डालकर दिया जाएगा।
  • प्रोडक्शन और स्टोरेज आसान होगा। इससे वैक्सीन के वेस्टेज की समस्या खत्म होगी।

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