हेमंत नागले, इंदौर। फर्जी वकील की इंदौर हाई कोर्ट से जमानत निरस्त हो गई है। 1 दिसंबर 2022 को इंदौर जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं द्वारा एक फर्जी वकील को पकड़ा गया था। जिसके बाद उसे एमजी रोड थाना पुलिस को सौंप दिया गया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने फर्जी वकील की जमानत निरस्त कर दी।
क्या है पूरा मामला
शासकीय अधिवक्ता कपिल महंत ने बताया कि, 1 दिसंबर 2022 को इंदौर जिला न्यायालय के कोर्ट नंबर 19 में एक केस के दौरान उज्जवल फणसे और अंश वर्मा द्वारा एक फर्जी वकील को ट्रैक किया गया। जिसके बाद जब उससे पूछताछ की गई तो वो कुछ बोल नहीं पाया।
फर्जी वकील शिवम रघुवंशी इंदौर के ही एक अन्य वकील मिश्रा जी के यहां लंबे समय से जाया करता था। शिवम रघुवंशी पर इंदौर में 2 प्रकरण दर्ज हैं, जिसमें से एक रेप का मामला भी पंजीबद्ध है। वो मिश्रा जी के यहां अपने केस के सिलसिले में जाता रहता था। लेकिन शातिर शिवम ने मिश्रा जी की गैरमौजूदगी में वकील पत्र बनाना चालू कर दिए और उनकी फर्जी साइन करके कई लोगों से वह केस के सिलसिले में चर्चा करने लगा। शिवम के हौसले बुलंद हो गए थे कि, वो कोर्ट के समक्ष खड़े होकर खुद को मिश्रा जी का जूनियर बताकर उनके केस में मदद करने लगा।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) May 4, 2023
इंदौर जिला कोर्ट में दिसंबर 2022 में एडवोकेट द्वारा एक फर्जी वकील को पकड़ा था। वकील ना होने के बावजूद भी फर्जी वकील द्वारा कोर्ट में पैरवी के लिए खड़े होकर बाकायदा बहस की जा रही थी। जब जिला कोर्ट के दो अधिवक्ता उज्जवल फणसे और अर्पित वर्मा ने फर्जी वकील को पकड़ा तो वह घबरा गया। उसने बाकायदा सफेद शर्ट पहनी हुई थी और गले में बैंड भी लगा रखा था। जिसके बाद दोनों अधिवक्ताओं द्वारा एमजी रोड थाने में फर्जी वकील के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।