ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

महिला बाल विकास के अफसरों को केंद्र से वेतन का 25 फीसदी हिस्सा मिलना बंद

परेशानी: अधिकारियों-कर्मचारियों की दिसंबर-जनवरी की सैलरी रुकी

भोपाल। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को केंद्र सरकार अब वेतन के नाम पर 25 फीसदी अपना हिस्सा नहीं देगी। इससे साढ़े चार हजार से अधिक अधिकारियों के सामने वेतन का संकट खड़ा हो गया है। उधर, वित्त विभाग ने शत प्रतिशत वेतन राज्य से देने का प्रस्ताव वापस कर दिया है। इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी जनवरी का मानदेय रुका हुआ है।

केंद्र सरकार ने ये दिया तर्क

केंद्र सरकार इन अधिकारी कर्मचारियों को वेतन के नाम पर 25 प्रतिशत हिस्सा दे रही थी, 75 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का होता था। दो माह पहले केंद्र ने विभाग को पेट्रोल और ट्रेनिंग के नाम पर 25 प्रतिशत राशि बढ़ाते हुए वेतन अंश बंद कर दिया। केंद्र का तर्क है कि विभाग के अधिकारी एमपीपीएससी से हैं, यानि ये राज्य सरकार के अधीन हैं।

प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने भी राशि देने से किया इंकार

इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग ने अधिकारियों को पूरा वेतन अपने हिस्से से देने वित्त विभाग से बजट मांगा, लेकिन वित्त से कहा गया कि केंद्र सरकार से एक बार और अनुरोध किया जाए कि 25 प्रतिशत का अंश यथावत रखे। विभाग ने केंद्र को इस संबंध का प्रस्ताव भेजा भी, परंतु स्वीकृति नहीं मिली।

उम्मीद: कैबिनेट में मंजूरी के बाद राज्य सरकार देगी पूरा वेतन

33 जिलों का रुका वेतन: जानकारी के अनुसार विभाग के संबंधित अफसरों का दिसंबर और जनवरी का वेतन 33 जिलों में रुका है। 20 आदिवासी बहुल जिलों के अधिकारियों का वेतन अलग मदों से लेकर दे दिया गया है।

आगे क्या: विभाग अब कैबिनेट में भेज रहा प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास विभाग अब शीघ्र ही वेतन को लेकर एक प्रस्ताव कैबिनेट को भेज रहा है। मंजूरी मिलने के बाद ही अफसरों को राज्य से शत प्रतिशत वेतन उपलब्ध हो सकेगा।

वेतन नहीं मिलने से इलाज और ईएमआई पर असर

प्रदेश के पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारियों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिसंबर 23 से जनवरी 2024 तक का वेतन भुगतान नहीं हुआ। इससे ईएमआई चुकाना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा दवाई खर्च, बच्चों की परीक्षा एवं ट्यूशन फीस नहीं दे पा रहे हैं। दैनिक कार्यों का खर्च भी प्रभावित है। ऐसे में कर्मचारी मानसिक तनाव में हैं। -इंद्रभूषण तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त मोर्चा आईसीडीएस परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक संघ

जल्द ही निराकरण होगा

केंद्र सरकार ने वेतन के नाम का अपना हिस्सा पेट्रोल और ट्रेनिंग के नाम पर बढ़ा दिया है। इससे वेतन संबंधी समस्या आ रही है। अब राज्य सरकार को अधिकारियों- कर्मचारियों को शत प्रतिशत वेतन देना है। वित्त विभाग को प्रपोजल भेजा गया था। जल्द ही एक प्रस्ताव कैबिनेट में भेजेंगे। मंजूरी मिलते ही वेतन संबंधी समस्या दूर हो सकेगी। -दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग

संबंधित खबरें...

Back to top button