
ग्वालियर। इन दिनों शहर में नकल पनीर की जमकर सप्लाई की जा रही है। सेहत खराब करने वाला यह पनीर पॉम आइल व कैमिकल से बनता। माधौगंज निवासी एक डेयरी संचालक ने बताया कि यह नकली पनीर शहर में मुरैना से आता है। यह ग्वालियर के साथ झांसी, टीकमगढ़, इंदौर व भोपाल तक सप्लाई किया जा रहा है। ग्वालियर की टीम ने अभी मुरैना तक जाकर सैंपलिंग की कार्रवाई की थी, लेकिन कार्रवाई थमने के बाद यह धंधा तेजी से बढ़ा है। खाद्य विभाग द्वारा लिए गए सैंपल में से 57 की रिपोर्ट आई है उनमें 12 से अधिक का पनीर खाने योग्य नहीं पाया गया है। ऐसे बनाया जाता है : यह पनीर 120 से 140 रु. किलो में तैयार होता है। स्वाद के लिए थोड़े सप्रेटा दूध को गर्म पानी में डालकर उसमें बेकिंग सोड़ा एवं पॉम आइल के साथ पापड़ी नाम का कैमिकल डालते हैं। मिक्स करने पर पनीर तैयार हो जाता है। गर्मियों में दूध का 40 फीसदी उत्पादन घट चुका है, लेकिन क्विंटलों पनीर की सप्लाई हो रही है।
कैमिकल युक्त पनीर से किडनी-लिवर पर बुरा असर पड़ता है, यह कैंसर भी कर सकता है। डॉ. अमित थावरानी, गेस्ट्रोलॉजिस्ट
ऐसे हो सकती है पहचान
- मिलावटी पनीर को मसलने पर टूट जाता है।
- नकली में से कैमिकल की बदबू आती है।
- शुद्ध पनीर हल्दी के संपर्क में आने पर पीले रंग का हो जाता है, जबकि नकली पनीर लाल रंग का हो जाता है।
हमारी टीमें लगातार संदिग्ध प्रतिष्ठानों से सैंपल लेती हैं। भिंड-मुरैना से मिलावटी पनीर ग्वालियर ही नहीं प्रदेश के अन्य शहरों में भी जा रहा है। – डॉ. आरके राजौरिया, नोडल अधिकारी खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी
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