मध्यप्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान OBC आरक्षण को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव OBC आरक्षण के साथ ही होंगे। इसके लिए सरकार कोर्ट जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करेगी। बता दें कि सीएम शिवराज के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि फिलहाल पंचायत चुनावों को टाला जा सकता है।
पंचायती राज अधिनियम में हमने कोई परिवर्तन नहीं किया है। हम प्रतिबद्ध हैं कि पंचायत के चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ ही हों। हमारे साथ केंद्र सरकार भी कोर्ट में जा रही है। हम पिछड़ों के या किसी भी वर्ग के अधिकार के साथ कभी अन्याय नहीं होने देंगे: CM
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 21, 2021
OBC आरक्षण पर हुई बस
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर पंचायत चुनावों में OBC आरक्षण पर बहस हुई। इस दौरान चर्चा का जवाब देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले 3 दिन से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ कानून विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं।
8828 पदों पर 27% आरक्षण का लाभ दिया : CM
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने शासकीय 8828 पदों पर भर्ती की है। उनमें 27% आरक्षण का लाभ दिया गया है। वहीं 2021-22 में 23 हजार पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करने जा रहे हैं। उनमें भी 27% आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाएगा
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने ओबीसी वर्ग को नीट की परीक्षा में 27% आरक्षण प्रदान किया। पिछड़े वर्ग आयोग को प्रधानमंत्री जी ने संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। उसका अनुसरण राज्य सरकार ने भी किया: CM
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 21, 2021
पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस स्थिति : कमलेश्वर
कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले बोलते हुए आरोप लगाया कि OBC आरक्षण के कारण जो स्थिति बनी है, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 5 दिन बाद भी पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जल्दबाजी में परिसीमन और आरक्षण को लेकर अध्यादेश लेकर आई थी।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
इस मामले में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सरकार ने मनमाने तरीके से 2019 में परिसीमन किया था। इस मामले को लेकर कांग्रेस 5 बार न्यायालय में गई। उन्होंने कहा कि यदि ये तथ्य गलत है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।