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पुतिन का भारत दौरा आज: पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात, कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा; जानिए क्यों नाराज हैं चीन और अमेरिका

नई दिल्ली। भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली आ रहे हैं। पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों में कई समझौते हो सकते हैं। भारत और रूस के बीच पहली बार 2+2 बातचीत होगी।

2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स बैठक के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच यह पहली बैठक होगी। इस शिखर सम्मेलन में रक्षा मामलों सहित कई महत्वपूर्ण मामलों चर्चा की जाएगी। कोरोना संकट के बाद पुतिन दूसरी बार विदेश यात्रा कर रहे हैं।

दोपहर दो बजे भारत पहुंच सकते हैं पुतिन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोपहर बाद दिल्ली पहुंचेंगे और महज 6-7 घंटे के लिए भारत में होंगे। पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2+2 वार्ता होगी और इसके बाद शाम 5.30 बजे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सुरक्षा को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति के भारत पहुंचने के समय का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान के मुताबिक वह दोपहर दो बजे भारत पहुंचेंगे और रात 9.30 बजे अपने देश वापस लौट जाएंगे।

कई सेक्टर्स में समझौते संभव

रूसी मीडिया के मुताबिक, पुतिन की एक दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देश ट्रेड, कल्चर, डिफेंस, एनर्जी, स्पेस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करीब 10 समझौते कर सकते हैं। डिफेंस सेक्टर पर दुनिया की नजरें ज्यादा होंगी। S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और अमेठी में AK-203 राइफलों के प्रोडक्शन को लेकर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। वह अपने स्पेशल एक्ट के जरिए भारत पर प्रतिबंधों की धमकी भी दे चुका है। अमेठी में साढ़े सात लाख AK-203 राइफलें बनाई जानी हैं। दुनिया में पहली बार यह राइफलें रूस से बाहर बनाई जानी हैं। माना जा रहा है कि भारत अब S-400 के साथ S-500 पर भी बातचीत कर सकता है।

कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

  • 7.5 लाख एके-203 असॉल्ट राइफल्स का भारत में उत्पादन
  • S-400 मिसाइल सिस्टम की समय पर डिलीवरी
  • 12 नई सुखोई-30 की डिलीवरी
  • नौसेना के लिए MIG-29 विमानों की नई खेप
  • 5000 इग्ला-एस शॉल्डर फ़ायर्ड मिसाइल्स की खरीद
  • भारत-चीन तनाव
  • अफगानिस्तान
  • आतंकवाद
  • और द्विपक्षीय व्यापार का मुद्दा प्रमुख है।

चीन-अमेरिका क्यों नाराज़ है?

400 किलोमीटर तक किसी भी एरियल टारगेट को मार गिराने वाला ये S-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम भारत के लिए बेहद अहम है। भारत ने 2018 में रूस के साथ इस सिस्टम की पांच बैटरी को खरीदने का सौदा किया था। पुतिन के दौरे से पहले इसकी डिलीवरी भी शुरू हो गई है लेकिन इस सौदे से अमेरिका और चीन दोनों नाराज हैं।

अमेरिका और चीन क्यों हैं नाराज

चीन इसलिए नाराज है क्योंकि यही रूसी एयर डिफेंस सिस्टम उसने LAC के पास तैनात कर रखें हैं और चीनी सेना नहीं चाहती कि भारत भी उसकी बराबरी कर पाए। वहीं अमेरिका इस मिसाइल सिस्टम को अपने लिए खतरा मानता है और उसने S-400 खरीदने पर तुर्की समेत कई देशों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं।

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जानकार मानते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन इस दौरे में भारत के सामने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट चेकमेट की ब्रिकी का भी प्रस्ताव रख सकते हैं जिसे हाल ही में अनविल किया गया है।

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