नई दिल्ली। देश में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए कोरोना वैक्सीनेशन पर बने नेशनल टेक्निकल ग्रुप (NTAGI) की आज सुबह 11 बजे बैठक होगी। जिसमें बच्चों के वैक्सीनेशन और बड़ों को एडिशनल डोज लगाने पर बात हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक, एडिशनल डोज बूस्टर डोज से अलग होता है।
एडिशनल डोज और बूस्टर डोज में क्या फर्क है?
बूस्टर डोज दोनों टीके लगवा चुके सभी लोगों को एक तय समय के बाद लगाया जाता है। वहीं एडिशनल डोज उन्हें दिया जाता है जिनके इम्यून सिस्टम में दिक्कत है। ऐसे लोगों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी डेवलप नहीं हो पाती। इसलिए उन्हें वैक्सीन की एक्स्ट्रा डोज दी जाती है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में बताया था कि एक्सपर्ट्स का ग्रुप वैज्ञानिक आधार पर इस मामले पर विचार कर रहे हैं।
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देश में नए वेरिएंट के मामले
देश में अब तक ओमिक्रॉन के कुल 21 मामले सामने आ चुके हैं। ये नया वेरिएंट देश के पांच राज्यों कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान पहुंच गया है। यह डेल्टा के मुकाबले बहुत तेजी से फैलता है। रविवार को ओमिक्रॉन का दिल्ली में नया मरीज मिलने के साथ ही महाराष्ट्र में 7 और मरीज सामने आए हैं। राजस्थान में जयपुर के एक ही परिवार के 4 लोगों समेत 9 लोगों में नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इनमें अधिकतर मामलों में अफ्रीकी देशों की ट्रैवल हिस्ट्री रही है।
इससे पहले कर्नाटक में 2, गुजरात में एक, मुंबई में 1 और दिल्ली में 1 संक्रमित मिल चुका है।