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सतपुड़ा-विंध्याचल को आग से बचाने सौ करोड़ से होगा उपाय

सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा : फायर सेफ्टी सिस्टम, बिजली और इंटरनेट वायर की अलग से होगी लाइन

भोपाल। सतपुड़ा अग्निकांड के सात माह बाद सतपुड़ा-विंध्याचल भवनों में फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम करने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। इन भवनों में फायर सेफ्टी सिस्टम और बिजली से होने वाले शॉर्ट सर्किट से आग की घटना को रोकने के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए जाएंगे। दोनों भवनों में फायर सिस्टम, बिजली की लाइन तथा इंटरनेट और डाटा केबल डालने पर सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

भवनों में बिजली की पुरानी वायरिंग को बाहर कर नई और मोटी केबल डाली जाएगी। बिजली के लोड फैक्टर के आधार पर लाइन डाली जाएगी। इंटरनेट केबल और डाटा केबल की अलग से लाइन डाली जाएगी। विभागों को इसके कनेक्शन लेने या वायर बदलने के लिए लोक निर्माण विभाग से अनुमति लेना होगा।

लोक निर्माण विभाग बिजली और फायर सेफ्टी का पूरा सिस्टम तैयार कर कार्यालयों में यह सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। लोक निर्माण विभाग ने इस कार्य के लिए एजेंसी तय करने की तैयारी भी कर ली है। काम इस साल मार्च से प्रारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही प्रति वर्ष इसका ऑडिट भी थर्ड पार्टी से कराया जाएगा। ऑडिट रिपोर्ट पर सुविधाओं और संसाधनों पर काम होगा। इसके लिए कार्यालय स्तर पर भी एक विंग बनाई जाएगी।

‘सतपुड़ा’ की दीवारों की मजबूती के लिए 30 करोड़

सतपुड़ा भवन के बी-ब्लॉक के टॉप तीन फ्लोर की दीवारों की मजबूती बरकरार रखने के लिए तमाम तरह के केमिकल और मसाला डालकर मजबूतीकरण किया जाएगा। इसके लिए अलग पुराने भवनों को रेनोवेशन करने के जानकारी तथा वैज्ञानिकों के द्वारा मानदंड तय किया गया है। इसी मानदंड के अनुसार सतपुड़ा भवन का रेनोवेशन होगा। बताया जाता है कि दीवारों के मजबूतीकरण पर तीस करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च होने का अनुमान है।

भवनों की सुरक्षा को लेकर रहेंगे ज्यादा सतर्क

सतपुड़ा और विंध्याचल भवनों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही इन दोनों भवनों में स्थित कार्यालय में अनुमानित लोड के आधार पर बिजली, इंटरनेट केबल लाइन डाली जाएगी। भवनों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सावधानी बरतेंगे। सुखवीर सिंह, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग

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