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Uttarakhand Tunnel Rescue : उत्तरकाशी में आज मनी दिवाली… 17 दिन बाद सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 मजदूर

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है। एक-एक करके सभी मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकाला गया है। बाहर निकल चुके मजदूरों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। 17 दिनों तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ये साफ हो गया कि आज भी इंसानी दिमाग और ताकत तकनीक से ऊपर है, क्योंकि सुरंग से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रास्बता बनाने में जब भारी-भरकम मशीनों ने जवाब दे दिया तो मैनुअल ड्रिलर्स ने इस काम को सफलता पूर्वक अंजाम दे दिया।

PM मोदी ने ट्वीट के जरिए जताई खुशी

उत्तरकाशी की टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकालने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट “X” पर लिखा, ” उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है, इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।”

राहुल ने भी जताई खुशी

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सुरक्षित निकलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे खुशियों भरा समाचार बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” के जरिए उन्होंने सभी मजदूरों और उनके परिजनों को बधाई दी। इसके साथ ही राहुल ने मुश्किल अभियान को सफल बनाने वाले सभी जांबाज़ों को भी सलाम किया है।

 

बचाव अभियान से जुड़े अपटेड के लिए नीचे स्क्रॉल करें…

सभी 41 मजदूरों को बाहर निकाला गया

सभी मजदूरों को सुरक्षित वापस निकाल लिया गया है। अभी सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मजदूरों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं।

18 मजदूर आए बाहर

अब तक 18 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है। मजदूरों के परिजन गर्म चाय, और सर्दियों के हिसाब के कपड़े लेकर सुरंग में अंदर गए हैं।

सुरंग से बाहर निकाले गए 9 मजदूर

उत्तरकाशी में सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने का सिलसिला लगातार जारी है। सीएम धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने मजदूरों का स्वागत किया है। अब तक 9 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है।

सीएम धामी ने रेस्क्यू टीम की सराहना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए श्रमिको से मुलाकात कर रहे हैं। धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की। बाहर निकाले जा रहे श्रमिकों के परिजन भी टनल में मौजूद हैं।

सुरंग से बाहर आया पहला श्रमिक

सुरंग से पांच मजदूरों को निकाला

41 मजदूरों को निकालने का काम शुरू हो गया है। सुरंग के अंदर फंसे 5 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। बाकी के मजदूरों को भी एक-एक करके बाहर निकाला जा रहा है। सुरंग के अंदर NDRF की 3 टीमें मौजूद हैं। देखें वीडियो..

टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता: सीएम धामी

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा है कि ‘सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है, पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो चुका है। अब श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है’।

58 मीटर ड्रिलिंग पूरी, 2 मीटर बाकी

एनडीएमए के सदस्य अट्टा हसनैन ने बताया कि 58 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, लगभग 2 मीटर और खोदने की जरूरत है। साथ ही 45 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी कर ली है। जानकारी के मुताबिक एक-एक व्यक्ति को बाहर निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा। चिनूक हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर हैं। 30 बिस्तरों वाली सुविधाएं भी हैं।

चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात

सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसको लेकर चिन्यालीसौर हवाई पट्टी पर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है।

टनल के अंदर ही दिया जाएगा उपचार

बचाव अभियान के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आठ बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है। देखें वीडियो…

परिजनों को सुरंग के पास बुलाया

मजदूरों के परिजनों को सुरंग के पास बुला लिया गया। परिजनों के पास उनके बैग हैं।

मजदूरों का होगा स्वागत

अब किसी भी पल मजदूर सुरंग से बाहर निकाले जा सकते हैं। वहीं, सुरंग के पास लोग श्रमिकों के लिए मालाएं लेकर पहुंचे हैं।

सीएम धामी सिलक्यारा पहुंचे

सीएम पुष्कर सिंह धामी सुबह सिलक्यारा सुरंग का जायजा लेने पहुंचे थे। इसके बाद वह देहरादून किसी कार्यक्रम में शामिल होने आ गए थे। वहीं अब सीएम दोबारा सिलक्यारा पहुंच चुके हैं।

सुरंग में खुदाई हुई पूरी

सुरंग में खुदाई पूरी हो गई है। एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों के पास जा रही है। एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए एक एक कर मजदूरों को पाइप के जरिए बाहर निकालेगी। वहीं, एक एंबुलेंस भी सुरंग के अंदर से निकली है।

टनल में पाइप डालने का काम पूरा :सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा- बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

कितनी हो चुकी है वर्टिकल ड्रिलिंग

हॉरिजोंटल ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के फेल हो जाने के बाद सोमवार को रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट को खुदाई के लिए बुलाया गया है। 12  रैट माइनर्स को हॉरिजोंटल ड्रिलिंग में भी कामयाबी मिली है और टीम ने अब तक करीब 4 से 5 मीटर खुदाई की है। 50 मीटर ड्रिलिंग पार की जा चुकी है, अब सिर्फ 8-9 मीटर ड्रिलिंग बाकी है। इसके अलावा सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक हो चुकी है, अब 50 मीटर और होनी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है।

मलबे में फंसी अमेरिकी ऑगर मशीन

उत्तरकाशी में 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से खुदाई की गई। 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से महज 12 मीटर पहले मशीन की ब्लेड्स टूट गई थीं। इस वजह से रेस्क्यू रोकना पड़ा। मशीन की मदद से सुरंग में ड्रिलिंग करके 800 मिमी मीटर व्यास का पाइप डाला जा रहा था, लेकिन ये मशीन करीब 48 मीटर की खुदाई करने के बाद मलबे में फंस गई थी। जिसके बाद मशीन को काटकर बाहर निकाला गया।

टनल में फंसे मजदूरों के लिए करें प्रार्थना : मोदी

पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि, ‘फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और मानवता के कल्याण की बात करते हैं तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी शामिल करना चाहिए जो उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे हुए हैं।’

पाइप के जरिए हर घंटे भेजा जा रहा खाना

बताया जा रहा है कि, मजदूरों के लिए भेजा जा रहा खाना डॉक्टर की निगरानी में बन रहा है। कम तेल और मसालों के साथ इसे तैयार किया जा रहा है, ताकि यह आसानी से पच सके। मजदूरों को हर एक घंटे में खाना दिया जा रहा है। बोतल में भरकर मजदूरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है।

मजदूरों के पास मूव करने के लिए कितनी जगह है ?

जानकारी के मुताबिक, मजदूर सिलक्यारा छोर से अंदर गए थे, जहां से 2340 मीटर की सुरंग बन चुकी है। इसी हिस्से में 200 मीटर की दूरी पर मलबा गिरा है, जो (मलबा) करीब 60 मीटर लंबाई में है। इसका मतलब है कि, मजदूर 260 मीटर दूर फंसे हैं। हालांकि, मजदूरों के पास मूव करने के लिए दो किलोमीटर का इलाका है और 50 फीट चौड़ी रोड है।

टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर

उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर शामिल हैं।

कैसे हुआ हादसा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई थी। NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह के मुताबिक, साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से हादसा हो गया।

चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम कई घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है।

घटना की जांच के लिए कमेटी गठित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा घटना की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। घटना को लेकर कमेटी ने जांच शुरू भी कर दी है।

 

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