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US NEWS :  डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाने की घटना रोकने में फेल रही अमेरिकी सीक्रेट सर्विस, चीफ किंबरले चीटल ने दिया इस्तीफा

वाशिंगटन: 13 जुलाई को अमेरिका के पैंसिल्मेंवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाए जाने की घटना में अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की विफलता खुलकर सामने आ गई। दुनिया की सबसे ताकतवर और आधुनिक खुफिया एजेंसी समझी जाने वाली अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की चीफ को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। मंगलवार को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की चीफ किंबरले चीटल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले सोमवार को अमेरिकी संसद में हुई पेशी के दौरान चीटल ने साफ स्वीकार किया था कि उनकी एजेंसी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा के मिशन में नाकामयाब रही।

दोनों दल मांग रहे थे इस्तीफा

ट्रंप पर हमले के बाद से दोनों प्रमुख दल डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर चीटल से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 13 जुलाई को हुई इस घटना के बाद चीटल से अधिकांश सांसद नाराज नजर आ रहे थे। सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर (चीफ) चीटल ने संसद मे पेशी के दौरान कहा कि यह दशकों में सीक्रेट सर्विस की सबसे बड़ी सुरक्षा विफलता रही। उन्होंने स्वीकारा था कि गोलीबारी से पहले ही पूर्व राष्ट्रपति की रैली में संदिग्ध हमलावर के होने के इनपुट मिल गए थे। उन्होंने कहा था कि पेंसिल्वेनिया रैली में हुई सुरक्षा संबंधी विफलता की पूरी जिम्मेदारी वे लेती हैं।

चीटल से सांसदों ने किए थे सख्त सवाल

चीटल ने पेशी के दौरान साफ कहा कि सीक्रेट सर्विस का मिशन ही हमारे देश के नेताओं की सुरक्षा करना है और 13 जुलाई को हम असफल रहे। सांसदों ने चीटल से सवाल किया कि इतनी सुरक्षा के बाद भी बंदूकधारी ट्रंप के इतने नजदीक कैसे जा पहुंचा। साथ ही, उन्होंने पूछा कि जब लोकल पुलिस ने भी हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स को संदिग्ध के तौर पर पहचान लिया था, इसके बाद भी ट्रंप को मंच पर जाने से क्यों नहीं रोका गया। इस घटना में डोनाल्ड ट्रंप बाल-बाल बच गए थे और गोली उनके कान को छूती हुई गुजर गई थी। हालांकि बाद में एजेंसी ने हमलावर को मार गिराया था।

चीटल ने दिए थे ये जवाब

चीटल ने माना कि था स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावर को रेंज फाइंडर के साथ क्रूक्स को देखा था। रेंज फाइंडर दूरबीन जैसा दिखने वाली एक डिवाइस है, जिसका उपयोग लक्ष्य की दूरी नापने के लिए होता है। चीटल ने हालांकि अपनी सफाई में ये भी कहा कि यदि खुफिया एजेंटों को पहले यह बताया गया होता कि पेंसिल्वेनिया में इस तरह का खतरा है, तो सीक्रेट सर्विस रैली को रोकने का फैसला ले लेती। चीटल ने अपने बचाव में ये भी कहा कि संदिग्ध व्यक्ति और वास्तविक खतरे के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के बीच अंतर होता है।

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