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लोकसभा: कांग्रेस के समय पूरी अर्थव्यवस्था ICU में थी, कमजोर रुपए के सावल पर वित्तमंत्री सीतारमण का जवाब

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में देश की अर्थव्यवस्था पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को लेकर सवाल किए। जिसका जवाब देते हुए वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि, देश की मजबूत अर्थव्यवस्था को देखकर कुछ लोगों को जलन हो रही है। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर दुनिया में सबसे तेज है, लेकिन विपक्ष को इससे परेशानी है।

कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल

तेलंगाना से कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी ने सवाल उठाया कि, भारतीय मुद्रा दिनोंदिन कमजोर होती जा रही है। सरकार को अपनी कुर्सी बचाने की चिंता है। जब डॉलर की कीमत 66 रुपए थी, तब इन्होंने कहा था कि रुपया ICU में है, अब रुपए की कीमत 83.20 है।

उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2013 में दिए एक बयान को कोट करते हुए कहा- सरकार को कोई मजबूत योजना बनानी चाहिए जिससे रुपये को आईसीयू से वापस घर लाया जा सके। उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल किया कि रुपए को मॉर्चुरी से वापस लाने का क्या कोई एक्शन प्लान है?

वित्तमंत्री ने दिया जवाब

वित्तमंत्री सीतारमण ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, ‘‘प्रधानमंत्री जी जब मुख्यमंत्री (गुजरात के) थे तो उस वक्त के उनके बयान पर सवाल पूछ रहे हैं। 2014 से पहले की बात करें तो, सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी। उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था को पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में रखा गया था।”

‘जब देश आगे बढ़ा रहा है, तो उसपर गर्व होना चाहिए’

वित्तमंत्री ने कहा, ‘‘आज कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।” अगर हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है, आगे बढ़ रही है तो लोग जलने लगे हैं। अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है, इस पर गर्व करना चाहिए, मजाक नहीं बनाना चाहिए। (ऐसा करने पर) शर्म आनी चाहिए।”

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‘भारतीय रुपया हर करंसी के मुकाबले मजबूत’

भारत का रुपया हर मुद्रा के खिलाफ मजबूत है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण डॉलर मजबूत होता जा रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है। सीतारमण ने कहा कि सदस्य को आंकड़े देखने चाहिए कि कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत कितना ज्यादा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ला रहा है।

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