इंदौरमध्य प्रदेश

टंट्या मामा बलिदान दिवस समारोह: सीएम शिवराज का एलान, मप्र पेसा एक्ट होगा लागू, वापस होंगे छोटे आपराधिक केस

इंदौर नेहरू स्टेडियम चल रहे टंट्या मामा बलिदान दिवस के समारोह में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने टंट्या मामा को भुला दिया। कांग्रेस अपने 50 साल के कार्यकाल में आदिवासी मंत्रालय भी नहीं दे सकी। यह काम अटल जी की सरकार में हुआ। सीएम ने मंच से पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा की। पेसा एक्ट लागू होने के बाद अब स्थानीय संसाधनों पर जनजातीय समाज की पंचायतों को ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे।

प्रतिमा का किया अनावरण

टंट्या मामा बलिदान दिवस पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान पहले पातालपानी पहुंचे, जहां उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके बाद राज्यपाल और सीएम इंदौर के नेहरू स्टेडियम पहुंचे जहां बलिदान दिवस का मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था

पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जाएगा

सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि मेरे जनजातीय भाई-बहनों को वन अधिकार के पट्टे देने का क्रम जारी रहेगा। जिनके 6 दिसंबर से पूर्व के पट्टे हैं, उन्हें जमीन दी जाएगी। साथ ही जिन लोगों पर अपराध के छोटे-मोटे केस चल रहे हैं, उन सभी को वापस लिया जाएगा। राशन आपके ग्राम योजना के तहत राशन गांव में ही मिल जाएगा। राशन पहुंचाने के लिए सरकारी वाहनों के बजाय जनजातीय युवाओं को वाहन बैंक से सरकार ने फाइनेंस करवाए हैं। प्रदेश में जिन जनजातीय भाई-बहनों के पास जमीन नहीं है, उन्हें जमीन का पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जाएगा। आवास की व्यवस्था की जाएगी।

भंवरकुआ चौराहे अब टंट्या भील के नाम से जाना जाएगा

युवाओं के लिए एक लाख बैकलॉग के पदों पर भर्ती प्रारंभ कर दी गई है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में 50 लाख रुपए तक उद्योग लगाने के लिए लोन दिया जाएगा। बैंकों को गारंटी भी सरकार देगी और ब्याज पर 3 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी। इंदौर के भंवरकुआ चौराहे का नाम बदलकर जननायक टंट्या भील किया गया है। अब भंवरकुआ टंट्या भील के नाम से जाना जाएगा।

सूदखोरों से लिया गया कर्जा पूरा माफ होगा

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 अगस्त 2020 के पहले बिना लाइसेंस वाले सूदखोरों से लिया गया कर्जा पूरा माफ कर दिया जाएगा। अगर उन्होंने कर्जे के लिए दबाव बनाया तो उन्हें जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। नई आबकारी नीति में आदिवासी को परंपरागत शराब बनाने का अधिकार होगा और वो शराब हेरिटेज के रूप में बेच सकेंगे। नीट में जिन बच्चों ने एडमिशन लिया है उनकी फीस भी सरकार भरेगी। बड़े शहरों में पढ़ाई के लिए काउंसलिंग केंद्र खोले जाएंगे। नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे।

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