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Indore News : इंदौर में संत रविदास और अंबेडकर की प्रतिमाएं हटाने पर बवाल, दिग्विजय सिंह और अरुण यादव ने जताया विरोध

भोपाल/इंदौर। विधानसभा क्षेत्र-5 स्थित आरई-2 इलाके में संत रविदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं हटाने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए नगर निगम और जिला प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रतिमाओं का अनावरण भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने किया था, लेकिन प्रतिमाएं हटाने पर न तो हार्डिया और न ही किसी अन्य भाजपा नेता ने विरोध जताया। साथ ही इस घटना पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

बिना नोटिस हटाई गईं प्रतिमाएं

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन और नगर निगम ने बिना किसी नोटिस के इन प्रतिमाओं को हटा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिमाओं को हटाते समय उनका अपमान किया गया और उन्हें जीप में पैरों के नीचे रखकर ले जाया गया। दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि इन प्रतिमाओं को जल्द से जल्द दोबारा स्थापित किया जाए और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

विधायक महेंद्र हार्डिया का बयान

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि उन्होंने प्रतिमाओं का अनावरण नहीं किया था। हार्डिया ने कहा, “मैं एक बार परिचय सम्मेलन में गया था और प्रतिमाओं पर पुष्पमाला चढ़ाकर प्रणाम किया था। मुझे नहीं पता कि प्रतिमाएं कब हटाई गईं। मैं शहर से बाहर हूं और लौटने के बाद पूरे मामले की जानकारी लूंगा।”

अरुण यादव का भी विरोध

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, ‘बापू, अंबेडकर और संविधान विरोधी भाजपा कभी नहीं सुधर सकती है। इंदौर में नगर निगम कर्मचारियों ने अंबेडकर की प्रतिमा को पैरों में रखकर अनादर किया है। स्कीम नंबर 140 में रविदास समाज के लोगों ने धर्मशाला बनाने के लिए मूर्ति लगाई थी।’

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