
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 6 हजार साल पुरानी गुफा मिली है। इस गुफा को दुधीटांगर गांव में पुरातत्व विभाग के गाइड हरि सिंह क्षत्रिय ने खोजा है। इसमें लगभग 45 से अधिक शैलचित्र (Rock Painting) मिली है। इन शैलचित्रों में तेंदुआ, सियार, श्वान, सांभर, हिरण और बकरी सहित अन्य जानवर भी शामिल हैं। इसके अलावा पदचिन्ह (Footprint), मानवाकृति (Anthropomorph) और ज्यामितीय चित्र (Geometric Pictures) भी मिले हैं। हरि सिंह का मानना है कि यह गुफा 6 हजार साल पहले ताम्रपाषाण (The Chalcolithic or Copper Age) की है।
गुफाओं का संबंध 4000 ईसा पूर्व
आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के गाइड हरि सिंह ने बताया कि इसकी जानकारी आर्कियोलॉजिस्ट के के मोहम्मद समेत कर्नाटक के आर्कियोलॉजिस्ट रवि कोरीसेट्टार, वाकणकर शोध संस्थान उज्जैन के आर्कियोलॉजिकल जानकार विनीता देशपांडे के अलावा और अन्य पदाधिकारियों को दी गई है। इसके बाद ही शैल चित्रों को देखकर केके मोहम्मद ने आशंका जताई है कि गुफा में चित्र ताम्रपाषाण (The Chalcolithic or Copper Age) के हो सकते हैं। जिसका संबंध लगभग 3500-4000 ईसा पूर्व से हैं।
ऐसी खोजों के लिए जाने जाते हैं हरि सिंह
हरि सिंह लगातार इतिहास के साक्ष्यों को लेकर अपनी खोजों में व्यस्त रहते हैं। पिछले साल उन्होंने बढ़नी गांव में शैलाश्रयों (Rock Shelter) की खोज की थी जिसे लेकर विशेषज्ञों का मानना था कि यह मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age) का हो सकता है। ऐतिहासिक साक्ष्य जुटाने के लिए कोरबा जंगल हरि सिहं का सबसे प्रिय जगह है। इससे पहले भी उन्होंने कोरबा के जंगलों में आदिमानवों के कई ठिकानों का पता लगाया था। आदिमानवों के इन ठिकानों पर भी इस प्रकार के चित्रों को उकेरा गया था।
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