
जिनेवा। कोरोना वायरस की तबाही अंत समय तक नहीं भूली जा सकती है। इसबीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि कोरोना से भी बड़ा डर यह है कि कोरोना से भी घातक वायरस मौजूद हैं, जो दुनिया में भयावह महामारी ला सकते हैं। चिंता की बात यह है कि इन वायरस से लड़ने के लिए अभी तक न कोई टीका है ना ही पुख्ता इलाज। अगली महामारी के लिए 30 खतरनाक वायरस या बैक्टेरिया जिम्मेदार हो सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें अगली महामारी का कारण बन सकने वाले रोगाणुओं का जिक्र है और इनकी संख्या बढ़कर 30 हो गई है। लिस्ट में इन्एंफ्लुजा ए वायरस, डेंगू वायरस और मंकीपॉक्स वायरस को प्राथमिकता वाले रोगाणुओं में शामिल किया गया है। इस लिस्ट को जारी करने के पीछे का उद्देश्य उपचार, टीके और निदान विकसित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है। डब्ल्यूएचओ के आरएंडडी ब्लूप्रिंट फॉर एपिडेमिक्स की प्रमुख अना मारिया हेनाओ रेस्ट्रेपो ने कहा कि प्राथमिकता निर्धारण प्रक्रिया महत्वपूर्ण ज्ञान अंतरालों की पहचान करने में मदद करती है, जिन्हें तत्काल संबोधित करने की जरूरत है।
आतंकी जैविक हथियार के रूप में कर सकते हैं इस्तेमाल
डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि वायरस का संभावित रूप से आतंकवादियों द्वारा जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। लिस्ट में आधे दर्जन इन्एंफ्लुजा ए वायरस हैं, जिनमें एच5 भी शामिल है, जिसने अमेरिका में मवेशियों में प्रकोप शुरू किया था। वैज्ञानिकों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और तेजी से शहरीकरण से इन वायरसों के बड़े पैमाने पर संचारित होने का जोखिम बढ़ सकता है।
गर्मियों में पूरी दुनिया में बढ़े कोरोना के मामले
इधर, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पेरिस ओलंपिक सहित दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है और इसके जल्द ही कम होने की संभावना नहीं है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की स्वास्थ्य एजेंसी यह भी चेतावनी दे रही है कि कोरोना वायरस के और भी गंभीर रूप जल्द ही सामने आ सकते हैं। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा, कोविड-19 अभी भी हमारे बीच है और सभी देशों में फैल रहा है।
मंकीपॉक्स का अफ्रीका में बढ़ा प्रकोप: डब्ल्यूएचओ
अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है। वैज्ञानिक पत्रिका साइंस ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। सबसे पहले कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सामने आए इस वायरस ने अब युगांडा और केन्या तक अपनी पहुंच बना ली है। आशंका जताई जा रही है कि यह पूरा अफ्रीका महाद्वीप में फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ जल्द ही इसे ग्लोबल हेल्दी इमरजेंसी घोषित कर सकता है। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम आपातकालीन समिति बनाने पर विचार कर रहे हैं।
200 से अधिक वैज्ञानिकों ने की स्टडी
- पिछले दो सालों में 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने 1,652 से अधिक रोगाणु प्रजातियों – ज्यादातर वायरस और कुछ बैक्टीरिया का मूल्यांकन किया।
- स्टडी में सार्स-कोव-2 भी शामिल है, जो वैश्विक कोविड- 19 महामारी का कारण बना।
- मर्बेकोवायरस, जिसमें मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम का कारण बनने वाला वायरस शामिल है।
- मंकीपॉक्स वायरस भी लिस्ट में शामिल है।