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इंदौर : BJP प्रत्याशी का चुनाव प्रचार के दौरान अनोखा स्वागत, लोगों ने महेंद्र हार्डिया को पहनाई इतनी मालाएं… कि सिर्फ दिखाई दे रहा था मुंह

इंदौर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा अपने-अपने नामांकन दाखिल किए जा चुके हैं। वहीं अब नामांकन दाखिल करने के बाद सभी प्रत्याशी अपने वार्ड में चुनाव प्रचार के लिए जुट गए हैं। वहीं बात की जाए विधानसभा क्रमांक 5 की तो यहां पर पहले कई बार विधायक रहे महेंद्र हार्डिया का कुछ अनोखे अंदाज में स्वागत किया गया। चुनाव प्रचार के दौरान हार्डिया को इतनी मालाएं पहनाई गई कि उनका सिर्फ मुंह दिखाई दे रहा था। उनके स्वागत का यह अनोखा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस क्षेत्र में लगातार हार रही कांग्रेस

बता दें कि महेंद्र हार्डिया विधानसभा क्रमांक 5 में कई बार चुनाव लड़ चुके हैं और अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा भी चुके हैं। बात की जाए विधानसभा क्रमांक 5 की तो यहां पर अधिकतर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। पिछले चार विधानसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी ने कांग्रेस को करारी हार दी है। मुस्लिम क्षेत्र होने के बाद भी कांग्रेस को महज कुछ ही वोट मिलते हैं और भाजपा यहां से अपने प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय कर लाती है।

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दोनों उम्मीदवार में कांटे की टक्कर

इस बार फिर से पार्टी द्वारा महेंद्र हार्डिया को ही अपने प्रत्याशी के रूप में उतारा गया। बात की जाए साल 2018 के विधानसभा चुनाव की तो पिछले मुकाबले में महज 1133 मतों के अंतर से बीजेपी ने इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी। साल 2018 में 13 उम्मीदवार इस सीट से खड़े हुए थे, जहां महेंद्र हार्डिया को 1,17,836 वोट मिले थे। जबकि, कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल के खाते में 1,16,703वोट मिले थे। इस साल भी दोनों ही उम्मीदवार फिर से आमने-सामने है और इस बार भी इन दोनों के बीच कांटे की टक्कर की बात कही जा रही है।

दरअसल, विधानसभा क्रमांक 5 में कुल 3,74,032 मतदाता है। जिसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,93,949 हैं। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1,80, 068 महिलाओं है।

विधानसभा क्रमांक 5 का चुनावी इतिहास

बात की जाए विधानसभा क्रमांक 5 के चुनावी इतिहास की तो साल 1997 से यह सीट कांग्रेस के सुरेश सेठ के पास थी। वहां 97 और 1980 में कांग्रेस के टिकट सुरेश सेठ का कब्जा रहा। इसके बाद 1990 में कांग्रेस के अशोक शुक्ला के द्वारा यह सीट को निर्दलीय व्यक्ति से जीतकर अपने पाले में ले लिया। वहीं 1993 में बीजेपी के भंवर सिंह शेखावत ने कांग्रेस के अशोक शुक्ला को हरा कर यह सीट अपने पास कर ली। 1998 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्यनारायण पटेल ने भंवर सिंह शेखावत को हराकर यह सीट फिर से अपने पास कर ली। लेकिन, 2003 में महेंद्र हार्डिया के आने के बाद लगातार यह सीट भाजपा के पास ही बनी रही है।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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