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उमरिया में 18 घंटे बाद काबू मे आए हालात : 37 के खिलाफ नामजद FIR, मुख्य आरोपी गिरफ्तार; 16 पुलिसकर्मी घायल, पुलिस नहीं दे रही घायल आंदोलनकारियों की जानकारी

उमरिया। कल दिन भर चले हिंसक बवाल के 18 घंटे बाद अब हालात काबू में हैं। कल हुई हिंसा में कुल 21 सरकारी कर्मचारी घायल हुए हैं। इनमें 16 पुलिस कर्मी और शेष फायर ब्रिगेड और अन्य कर्मचारी है। गंभीर रूप से घायल चार पुलिस कर्मचारियों को इलाज के लिए कटनी और जबलपुर रेफर किया गया है। कल लाठीचार्ज और उसके बाद भड़की हिंसा के दौरान घायल हुए आंदोलनकारियों के बारे में पुलिस फिलहाल किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रही है।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार, 37 के खिलाफ FIR

उमरिया में पुलिस ने हिंसा के बाद कार्रवाई करते हुए कल आंदोलनकारियों के मुख्य नेता राधेश्याम ककोरिया को हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही हिंसा करने संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कर्मचारियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में अब तक कुल 37 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दरज् कर ली गई, हिंसा के बाद मौके पर पहुंचे एडीजी डीसी सागर के मुताबिक इस पूरे घटनाक्रम की जांच जारी है और इसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि अब तक मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने तकरीबन 100 लोगों को हिरासत में लिया है, इसके साथ ही नजदीक के कस्बों जैसे मानपुर, पाली और चंदिया से भी कुछ लोगों को गिरफ्तार कर उमरिया लाया गया है।

अतिरिक्त पुलिस बल तैनात, छावनी बना शहर

उमरिया में हुई हिंसा के बाद आस-पास के जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल को उमरिया भेजा गया था। फिलहाल शहर में शांति है लेकिन अब भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। कल हुई हिंसा के दौरान कई आंदोलनकारियों के घायल होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन फिलहाल इन घायलों को कोई जानकारी न तो पुलिस दे रही है और न ही प्रशासन। इसके साथ ही इन घायलों के परिजन भी इन्हें तलाशते हुए पुलिस थाने और अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। घटना के अगले दिन एसपी निवेदिता नायडू सुबह से थाने और शहर का दौरा कर रही हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों से लगातार चर्चा कर रही हैं।

फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का रानी दुर्गावती चौराहे पर प्रदर्शन के बाद मामला पूरी तरह से पुलिस कंट्रोल में है। कल रात से लेकर अभी तक कोई वारदात नहीं हुई है। वहीं फॉरेंसिक टीम आई थी जो मौके पर अपनी कार्रवाई कर  चली गई। कलेक्टर-एसपी भी मौके की स्थिति का जायजा लेने के लिए नगर में भ्रमण कर रहे हैं। वहीं घायल पुलिस कर्मचारी-अधिकारी का इलाज जबलपुर के हायर सेंटर केंद्र में चल रहा है। जिला अस्पताल में भर्ती पुलिस कर्मचारी स्वस्थ हैं, उनका भी इलाज चल रहा है।

150 से 200 लोगों की सूची तैयार

जानकारी के अनुसार, 150 से 200 लोगों के नाम की सूची तैयार हो रही है। अभी सरकारी तौर से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। सूची सरकारी तौर पर जारी भी नहीं हुई है। फिलहाल, बाकी की कार्रवाई जारी है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। घटना में जिम्मेदारी लोग किसी भी पार्टी, किसी भी दल के होंगे उन पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही हैं। कुछ कांग्रेसी भी घटनास्थल पर मौजूद रहे उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस के द्वारा मामले की विवेचना की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि धारा 307, 147, 148, 149, 294, 323, 353, 34 लगाकर पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

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क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार (26 सितंबर) को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। वे अपनी पुरानी लंबित मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर नाराज थे। जिसके चलते वे कलेकटर कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे। लेकिन उससे पहले ही वे स्टेशन चौराहे (रानी दुर्गावती चौक) पर बैठ गए और जिला प्रशासन से बात करने की मांग पर अड़ गए। जिससे वहां जाम के हालात बन गए। पुलिस अधिकारी मौके पर उन्हें समझाने पहुंचे तो विवाद हो गया और देखते ही देखते प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दौरान एएसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया समेत 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मंत्री पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता मानपुर विधानसभा क्षेत्र में सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन से पहले पार्टी के राधेश्याम काकोडिया ने आरोप लगाया था कि मंत्री और विधायक मीना सिंह ने बस्ती विकास मद में भ्रष्टाचार किया है।

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