
वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के चुनाव नतीजों का पूरी दुनिया के साथ भारत पर असर पड़ता है। वैसे अमेरिकी भारतीयों का झुकाव राइटिस्ट पॉलिसी वाले ट्रंप की तरफ ज्यादा दिख रहा है। उन्होंने अमेरिका फर्स्ट का नारा दिया था, पर भारतीयों की नौकरियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। वहीं, कमला हैरिस के साथ महिला और भारतवंशी होने का प्लस पॉइंट है। भारतीयों के लिए उनकी नीतियां लिबरल रही हैं। वैसे सरकार किसी की भी बने दोनों देशों के रिश्तों में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
व्यापार
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के लिए संरक्षणवादी व्यापार के समर्थक रहे हैं। खतरा यह है कि वे अचानक अजीब निर्णय लेने के लिए भी जाने जाते हैं। कमला हैरिस की बात करें तो माना जा रहा है कि वे बाइडेन की नीतियों को लेकर आगे बढ़ेंगी। हाल के सालों में भारत और अमेरिका में सकारात्मक रिश्ते रहे हैं।
विदेश नीति
डोनाल्ड ट्रंप बहुत ज्यादा एग्रेसिव विदेश नीति के लिए जाने जाते हैं। चीन के खिलाफ उनका रुख सख्त रहा है। वहीं, भारत से उन्होंने रिश्ते अच्छे रखे। कमला हैरिस बाइडन की विदेश नीति को जारी रख सकती हैं। पिछले 4 साल में अमेरिका ने यूएन से लेकर चीन के विरोध के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है।
मिलिट्री
डोनाल्ड ट्रंप के समय से दोनों देशों में कई बड़े मिलिट्री समझौते हुए। उनकी सरकार के समय में चीन के खिलाफ क्वाड बनाने की चर्चा ने जोर पकड़ा। कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो भारत के लिए मिलिट्री नीति में बदलाव की संभावना नहीं है। क्वाड को अमलीजामा कमला हैरिस की पार्टी के शासन में पहनाया गया।
नौकरियां
ट्रंप ने अपने समय में भारत से व्यापारिक संबंधों को बेहतर किया। भारतीयों को मिलने वाले एच1बी वीजा में कोई कमी नहीं दर्ज की गई। हैरिस की सरकार कोरोना के बाद चीन छोड़कर भारत में बढ़ रहे निवेश की समर्थक रही है। हाल ही में एप्पल के फोन की असेंब्लिंग भारत में शुरू हुई है।