भोपालमध्य प्रदेश

MP के मेडिकल कॉलेजों में डिप्टी कलेक्टर नहीं होंगे प्रशासक, मेडिकल टीचर्स के विरोध के बाद बैकफुट पर सरकार

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल (GMC Bhopal) सहित प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर डिप्टी कलेक्टरों को पदस्थ किए जाने के मामले में सरकार बैकफुट पर आ गई है। मेडिकल टीचर्स के विरोध को देखते हुए सरकार अब प्रशासनिक पद पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ही पदस्थ करने पर सहमत हो गई है। इस संबंध में कैबिनेट में संशोधित प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है।

22 नवंबर को बैठक में आया था प्रस्ताव

मेडिकल कॉलेजों में प्रशासकों की नियुक्ति के संबंध में शिवराज कैबिनेट की 22 नवंबर को होने वाली बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रस्ताव लेकर आया था। इसमें कहा गया था कि मेडिकल कॉलेजों और इनसे संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सेवाएं और मेडिकल स्टूडेंट्स को बेहतर प्रशासनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में प्रशासकीय, वित्तीय और मैनेजमेंट से जुड़े कार्यों के लिए आवश्यक प्रशासनिक अधिकारी के पद सृजित किए जाने चाहिए।

विरोध में उतर आए थे मेडिकल कॉलेज के टीचर्स

डिप्टी कलेक्टरों को मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारी बनाने पर सभी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स विरोध में उतर आए थे। वैसे कैबिनेट बैठक किन्हीं कारणों के चलते नहीं हो सकी और सभी 20 प्रस्ताव अटक गए। सूत्रों का कहना है कि अब विभाग नए सिरे से कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर आएगा, जिसमें डिप्टी कलेक्टर को प्रशासनिक अधिकारी बनाने की बात नहीं है।

कैबिनेट बैठक में विभाग मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था को सुधारने प्रशासनिक अधिकारी का पद निर्मित कर रहा है न कि डिप्टी कलेक्टर की पोस्टिंग करने जा रहा है। इस पर विभागीय अधिकारी भी पदस्थ हो सकते हैं। डिप्टी कलेक्टर को पदस्थ करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।  -मोहम्मद सुलेमान, एसीएस, चिकित्सा शिक्षा

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