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तिरुपति बालाजी मंदिर प्रशासन 18 कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में, नियमों के उल्लंघन का आरोप

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रबंधन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) अपने 18 कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया में है। इन कर्मचारियों को संस्थान के नियमों के खिलाफ जाकर कार्य करने का दोषी पाया गया है। इसके चलते, TTD ने उन्हें दो विकल्प दिए हैं, या तो वे किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर ले लें या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लें। यह निर्णय मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

TTD के अंतर्गत 12 मंदिर और 14 हजार कर्मचारी

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) आंध्र प्रदेश के 12 मंदिरों का प्रबंधन करता है और इसमें 14,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। TTD प्रशासन ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह कार्रवाई TTD अध्यक्ष बीआर नायडू के निर्देश पर की जा रही है।

बयान में कहा गया कि संस्थान में काम करने के दौरान कुछ कर्मचारी गैर-हिंदू धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे थे, जो कि देवस्थानम के नियमों के खिलाफ है। इस कारण इन 18 कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं।

गैर-हिंदू कर्मचारियों की पहचान कर कार्रवाई

TTD के अध्यक्ष बीआर नायडू ने जानकारी दी कि 4 फरवरी को हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने TTD में काम कर रहे गैर-हिंदू कर्मचारियों की पहचान की है, जो मंदिर प्रशासन से जुड़े होने के बावजूद अन्य धार्मिक परंपराओं का पालन कर रहे थे।

बीआर नायडू ने इन कर्मचारियों से VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने का अनुरोध किया है। यदि वे इसके लिए तैयार नहीं होते हैं, तो उन्हें राजस्व, नगर पालिका या किसी अन्य सरकारी विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई

TTD प्रशासन ने संस्थान के नियमों को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत तिरुमला में राजनीतिक बयानों पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पारित किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि TTD के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जो लोग TTD के नियमों का उल्लंघन करने वालों का समर्थन या प्रचार करेंगे, वे भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

मंदिर प्रशासन के फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

TTD के इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां एक ओर कई लोग मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे धार्मिक भेदभाव से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, TTD प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय केवल संस्था के नियमों को बनाए रखने के लिए लिया गया है और किसी भी कर्मचारी के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।

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