दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में अच्छी बारिश के लिए छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाने का मामला जोर पकड़ गया है। इस मामले में दूसरे दिन बाल आयोग ने कलेक्टर को नोटिस भेजा है और कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 10 दिन के अंदर कलेक्टर से पूरे मसले पर जवाब भी मांगा है। सोमवार को इन बच्चियों के साथ ये करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उनके ही परिवार की महिलाएं, उनकी माताएं और आसपड़ोस के लोग थे।
ये मामला जबेरा ब्लॉक के अमदर पंचायत के बनिया गांव का है। दरअसल, प्रदेश में इस बार मानसून कुछ जिलों पर इतना मेहरबान हो गया कि बारिश के कारण बाढ़ आ गई तो कुछ जिलों में बारिश के अभाव में सूखा पड़ गया है। यहां के लोग परेशानी से निकलने के लिए अब तरह-तरह के जतन कर रहे हैं।
बच्चियों के कंधों पर रखा जाता मूसल और गांव में घुमाया जाता
पुरानी मान्यता के मुताबिक, गांव की छोटी बच्चियों को पूर्ण नग्न कर उनके कंधों पर अनाज कूटने वाला मूसल रखा जाता है और इस मूसल में मेंढक को बांधा जाता है। बच्चियां पूरे गांव में घूमती हैं और पीछे-पीछे महिलाएं भजन-कीर्तन करती जाती हैं। रास्ते में पड़ने वाले घरों से ये महिलाएं आटा-दाल मांगती हैं और जो राशन जमा होता है उस राशन से गांव के मंदिर में भंडारा होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बारिश होती है।
बाल आयोग ने दमोह कलेक्टर को नोटिस भेजा
मामले में नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने दमोह कलेक्टर को नोटिस भेजा है और 10 दिन के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बाल आयोग ने 2005 की धारा 13(1)(j) के अंतर्गत खुद ही इस मामले में संज्ञान लिया है और नोटिस जारी कर कलेक्टर से नग्न बच्चियों का आयु प्रमाण पत्र, जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज मांगे हैं। कलेक्टर ने जांच में तथ्य सामने आने के बाद कार्रवाई की बात कही है।
टोटके से किसी को कोई नुकसान नहीं: वन समिति
वन समिति अध्यक्ष पवन सिंह ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण फसलें प्रभावित हो गई हैं। लोग पानी के लिए परेशान हैं, इसलिए गांव की महिलाओं ने यह टोटका किया है। यह लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़ा मामला है। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं है।