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अमेरिका में टिकटॉक पर लगेगा बैन, बिल पास, चीन ने बंद कराए वॉट्सऐप और थ्रेड्स

अमेरिका-चीन में फिर बढ़ेगा विवाद, एपल और मेटा की मुश्किलें बढ़ीं

वाशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड और टेक्नोलॉजी को लेकर काफी तनाव चल रहा है। इसबीच अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें यह प्रावधान है कि अगर चीनी नागरिक के स्वामित्व वाले लोकप्रिय सोशल मीडिया मंच टिकटॉक अपने अमेरिकी कारोबार को नहीं बेचता तो उस पर देश में प्रतिबंध लगाया जा सकता है। विधेयक में छह महीने में हिस्सेदारी बेचने की समय सीमा तय की गई है।

यह विधेयक दोनों दलों के भारी समर्थन से सदन में पारित हुआ, क्योंकि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों ने ऐप के मालिक चाइनीज टेक्नोलॉजी फर्म बाइटडांस लिमिटेड के संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। दूसरी ओर अमेरिका की दो दिग्गज टेक कंपनी एपल और मेटा को चीन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चीनी सरकार ने एपल को मेटा के वॉट्सऐप और थ्रेड्स ऐप्स को बंद करने का आदेश दिया है। आईफोन निर्माता को चीनी सरकार के आदेश का पालन करना पड़ा और एपल ऐप स्टोर से मार्क जुकरबर्ग के दोनों ऐप्स को हटा दिया है।

अमेरिकी संसद ने भारी मतों से पास किया विधेयक

अमेरिकी संसद में यह बिल दोनों दलों 360-58 के भारी समर्थन से पारित हुआ। अमेरिका में टिकटॉक के 17 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। बता दें, अपने अस्तित्व के लड़ रही टिकटॉक के लिए अमेरिका में यह बड़ा झटका है। अमेरिका में 170 मिलियन यूजरों वाली सोशल मीडिया कंपनी अपनी चीनी मूल कंपनी बाइटडांस के वर्तमान स्वामित्व के लिए लड़ाई लड़ रही है।

सीनेट के पास जाएगा बिल

अमेरिकी विधेयक में संशोधित प्रावधानों को अब मंजूरी के लिए उच्च सदन सीनेट भेजा जाएगा। हालांकि, अगर कानून भी बन जाता है, तो भी कंपनी के पास खरीदार ढूंढने के लिए एक साल तक का समय होगा।

चीन सरकार ने बताया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

चीनी सरकार ने मार्क जुकरबर्ग के इन दोनों ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। हालांकि, जुकरबर्ग की कंपनी मेटा के अन्य ऐप्स फेसबुक, इंस्टाग्राम और मैसेंजर पर सरकार ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। ऐसे में ये तीनों ऐप्स फिलहाल ऐपल ऐप स्टोर से नहीं हटाए गए हैं। एपल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह उन देशों के कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां वह कारोबार करता है, चाहे किसी भी तरह का मतभेद हो। चीन आईफोन्स के लिए एक बड़ा बाजार है।

अमेरिका: 34 राज्यों की सरकारों ने भी लगाया प्रतिबंध

अमेरिकी सरकार ने डेटा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए संघीय एजेंसियों को उपकरणों और प्रणालियों में टिकटॉक का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, टेक्सास, मैरीलैंड, अलबामा और यूटा सहित 50 में से कम से कम 34 राज्यों ने राज्य सरकार की एजेंसियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों को सरकार द्वारा जारी उपकरणों पर टिकटॉक का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य के प्रतिबंधों के बाद, सार्वजनिक विश्वविद्यालयों ने भी परिसर में वाई-फाई और विवि के स्वामित्व वाले कंप्यूटरों पर टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का विकल्प चुना। बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी, ओक्लाहोमा यूनि., टेक्सास-ऑस्टिन यूनिवर्सिटी और वेस्ट टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी में भी बैन लगाया गया है।

भारत: गलवान झड़प के बाद कईचीनी ऐप्स पर लगा था बैन

टिकटॉक के लिए भारत सबसे बड़े बाजारों में से एक था। जून 2020 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के बारे में चिंताओं के कारण टिकटॉक और कई अन्य चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। 15 जून 2020 को जब भारत और चीन की सेनाओं में गलवान में झड़प हुई, तब भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया और 29 जून 2020 को यानी ठीक 14 दिन बाद भारत ने टिकटॉक समेत 58 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत सरकार ने दावा किया कि प्रतिबंधित ऐप्स भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक टिकटॉक के भारत में प्रतिबंधित होने से उसे लगभग $6 बिलियन का नुकसान हुआ।

इन देशों में आंशिक या पूर्ण बैन

-यूरोपीय संघ-ऑस्ट्रेलिया -बेल्जियम-कनाडा-फ्रांस -न्यूजीलैंड -ब्रिटेन -अफगानिस्तान-पाकिस्तान-नेपाल -ताइवान

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