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बिना मिट्टी के क्ले बॉल्स से उगाएं इंडोर प्लांट्स, बोनसाई में भी हो रहे इस्तेमाल

सेमी-हाइड्रोपोनिक्स प्लांट्स में होती है सिर्फ पानी व पोषक तत्वों की जरूरत

प्रीति जैन- बागवानी करने के शौकीन इंडोर प्लांट्स के जरिए अपने घर के भीतर भी हरियाली मेंटेन करना पसंद करते हैं। गर्मियों के दिनों में इंडोर प्लांट्स न सिर्फ ठंडक का अहसास कराते हैं, बल्कि तापमान को भी नियंत्रित करते हैं, इसलिए भी इन्हें पसंद किया जाता है। लेकिन अब इंडोर प्लांट्स या सेमी- हाइड्रोपोनिक्स प्लांट्स को बिना मिट्टी के भी लगाया जा सकता है, यानी घर के भीतर मिट्टी को समेटने या गमलों के नीचे प्लेट लगाकर मिट्टी को बहने से रोकने की झंझट नहीं होगी।

वजह है, लिका बॉल (लाइटवेट एक्सपेंडेड क्ले एग्रीगेट) या क्ले बॉल। यह मिट्टी की बनी बॉल्स होती हैं, जिन्हें कप, ग्लास जार से लेकर किसी भी तरह के पॉट में लगाया जा सकता है, जिससे इंटीरियर में खूबसूरत लुक एड होता है। क्ले बॉल कभी खराब नहीं होती नहीं होती और न ही इसमें गंदगी या फंगस लगने का डर होता है।

इस्तेमाल से पहले 2 घंटे पानी में डालकर रखें

लिका बॉल या क्ले बॉल के साथ सभी तरह के इंडोर प्लांट उगाए जा सकते हैं। बस करना इतना है कि मिट्टी की 2000 डिग्री सेल्सियस पर पकाई गईं इन बॉल्स को घर लाकर 2 से 3 घंटे के लिए पानी में छोड़ना है ताकि इनके भीतर जमा मिट्टी निकल जाए और सभी एयर पॉकेट खुल जाएं। इन्हीं एयर पॉकेट के खुलने पर यह काम करती हैं। जब इन्हें पानी से निकालकर प्लांट के साथ लगाया जाता है, तब प्लांट न सिर्फ सीधा खड़ा रह पाता है बल्कि इन्हीं बॉल्स के भीतर से उसे पानी मिलता रहता है। 2 से 3 दिन के अंतराल से थोड़ा सा पानी इनमें डाला जाता है, जिससे पौधे को अपनी जरूरत के मुताबिक पानी मिलता रहता है।

क्ले बॉल्स में पोषण के लिए डालें लिक्विड फर्टिलाइजर

इन क्ले बॉल्स में मिट्टी की तरह पोषक तत्व नहीं होते इसलिए इसमें ऑर्गेनिक लिक्विड फर्टिलाइजर डाला जाता है ताकि पौधे को पोषक तत्व मिलते रहें। यह बॉल्स इस लिक्विड फर्टिलाइजर को अवशोषित करके पौधे को पोषण देती रहती हैं। इससे अलग से सजावटी पेबल्स रखने की भी जरूरत नहीं पड़ती।

बोनसाई और बैंबू भी उगाएं

सेमी-हाइड्रोपोनिक्स प्लांट यानी जिसमें कम पानी की जरूरत पड़ती है, इसमें क्ले बॉल्स सफल हैं। मैं खुद भी क्ले बॉल्स के जरिए इंडोर प्लांट्स मेंटेन कर रहा हूं। बैंबू, बोनसाई भी इसमें अच्छे से ग्रो हो जाती है। वजन में बहुत हल्की होने के कारण हैंगिंग प्लांट्स लगाने में यह खास उपयोगी हैं। इन्हें ग्लास जार, ग्लास पॉट से लेकर सिंपल प्लास्टिक पॉट में भी लगाया जा सकता है। -आरएस यादव, हार्टिकल्चरिस्ट

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