ताजा खबरमध्य प्रदेश

चमत्कार : बाघ के साथ 12 मिनट तक किया संघर्ष, बचा ली अपनी जान, सिर्फ नाम के नहीं असलियत में है बहादुर

 उमरिया। वे केवल नाम के ही असल जिंदगी में भी बहादुर निकले। कहानी उमरिया के एक ऐसे 65 साल के बुजुर्ग की है जिसने बाघ के साथ संघर्ष किया और अपनी जान बचा ली। घटना गुरुवार को जिले के धमोखर रेंज में हुई। यहां मवेशी चराने के लिए जंगल में गए बहादुर सिंह मरकाम पर झाड़ियों में छिपे बाघ ने हमला बोल दिया। अचानक टाइगर के वार से बहादुर सिंह बचने के लिए कुछ कर पाते, तब तक उसने गर्दन दबोच ली, लेकिन बहादुर भी हार मानने वाले नहीं थे। वे बाघ से खुदको बचाने के लिए उसके साथ 12 मिनट तक जूझते रहे। आखिरकार टाइगर उन्हें छोड़कर जंगल में भाग गया। हालांकि बहादुर सिंह इस हमले में घायल हुए है और उनकी गर्दन, चेहरे और सिर पर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत खतरे से बाहर है।

12 मिनट का हैरत अंगेज घटनाक्रम

ग्राम बदरेहल के निवासी बहादुर सिंह और उनके साथ गांव के तीन अन्य लोग मवेशी लेकर जंगल में गए थे। शाम के 4 बजे रेंज के कक्ष क्रमांक 103 हुड़ार माढ़ा के नजदीक बहादुर सिंह पर झाड़ियों में छिपे हुए बाघ ने अचानक हमला बोल दिया। 65 साल के बहादुर सिंह कुछ समझ पाते इससे पहले ही उनकी गर्दनबाघ के पैने दांतों के बीच थी। बहादुर ने इस समय हौसला नहीं खोया और वे खुद को बचाने के लिए पूरी ताकत से भिड़ गए। इसी दौरान साथ गए लोग भी जोर-जोर से चिल्लाने लगे। बहादुर सिंह की जीवटता और लोगों के शोर के घबराकर बाघ ने उन्हें अपने पैने दांतों से छोड़कर अपने पंजों में दबा लिया। बहादुर सिंह ने एक बार फिर साहस बटोरा और खुद को बाघ की कैद से आजाद कराने के लिए जूझने लगे। इसी दौरान साथ गए लोग भी नजदीक ने लगे, जिसके बाद बाघ उन्हें छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया। टाइगर और बहादुर के बीच ये फाइट लगभग 12 मिनट तक चली।

फिलहाल जारी है इलाज

धमोखर फॉरेस्ट रेंज के आरओ विजय शंकर श्रीवास्तव के अनुसार बहादुर सिंह पर टाइगर अटैक की जानकारी वन विभाग के आला अफसरों को दी गई। इसके साथ ही वन विभाग का अमला तत्काल मौके पर पहुंचा और वहां से घायल बहादुर सिंह को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने तत्काल उनका उपचार शुरू किया। उनका इलाज कर रहे डॉ केसी सोनी के मुताबिक बहादुर सिंह की हालत अभी ठीक है और उन्हें भर्ती कर लिया गया है।

ये भी पढ़ें-वानर राज की विधि-विधान से हुई तेरहवीं, निभाई गईं सभी रस्में, भजन संध्या के साथ भोज का भी हुआ आयोजन, पिंडदान के बाद मुंडन भी कराया   

संबंधित खबरें...

Back to top button