
एंटोफगास्टा। दक्षिण अमेरिकी देश चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। चिली-अर्जेंटीना बॉर्डर वाले इलाके में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 20 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र तटीय शहर एंटोफागास्टा से 265 किलोमीटर पूर्व में 128 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 9:51 बजे आया।
अब तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके बोलीविया, पैराग्वे और अर्जेंटीना तक महसूस किए गए। इससे पहले 29 जून को भूकंप आया था, तब इसकी तीव्रता 5.2 थी।
चिली में आते रहते हैं भूकंप
चिली दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप आने वाले देशों में से एक है। यह प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, यहां पृथ्वी के कई ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप आते हैं। 2010 में 8.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी में 500 से अधिक लोग मारे गए थे। साल 1960 में चिली में ही 9.5 तीव्रता का भूकंप आया था। साल 1985 में 7.8 तीव्रता ने भूकंप ने 177 लोगों की जान ले ली थी।
- 1965 – ला लिगुआ में 7.4 तीव्रता, 400 मरे
- 1971 – वालपाराइसो क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का भूकंप, 90 मरे
- 1985 – वालपाराईसो तट पर 7.8 तीव्रता का भूकंप, 177 मरे
- 1998 – उत्तरी चिली के तट के पास 7.1 तीव्रता का भूकंप
- 2002 – चिली-अर्जेंटीना सीमा क्षेत्र में 6.6 तीव्रता का भूकंप
- 2003 – मध्य चिली के तट के पास 6.8 तीव्रता का भूकंप
- 2004 – मध्य चिली के बायो-बायो के निकट 6.6 तीव्रता का भूकंप
- 2005 – 7.8 तीव्रता वाला टारापाका, उत्तरी चिली, 11 मरे
- 2007 – उत्तरी चिली के एंटोफगास्टा में 7.7 तीव्रता का भूकंप, 2 मरे
- 2007 – एंटोफगास्टा में 6.7 तीव्रता
- 2008 – टारापाका में 6.3 तीव्रता
- 2009 – टारापाका तट पर 6.5 तीव्रता का भूकंप
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।
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