लाइफस्टाइल

इन वजहों से आते हैं आत्महत्या के ख्याल, इस गंभीर समस्या का आखिर क्या है समाधान ?

लाइफस्टाइल डेस्कहाल ही में टीवी अभिनेत्री तुनिषा शर्मा की आत्महत्या की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है। हंसती-खेलती और जिंदादिल एक्ट्रेस ने अपने टीवी शो ‘अलीबाबा’ के सेट पर फांसी लगाकर जान दे दी। इस खबर के सामने आने के बाद से ही टीवी जगत में शोक की लहर है।

तुनिषा शर्मा सुसाइड को लेकर कई खुलासे और दावे भी किए जा रहे हैं। तुनिषा की मौत ने एक बार फिर मेंटल हेल्थ और आत्महत्या से जुड़े गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को उजागर कर दिया है। पिछले कुछ समय से तनाव या टूटे रिश्ते की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर इस गंभीर समस्या का समाधान क्या है, जिससे समय रहते ऐसे इंसान को खतरनाक उठाने से रोका जा सके।

आखिर क्यों आते हैं आत्महत्या के ख्याल ?

हर आत्महत्या के पीछे एक कारण बेहद सामान्य होता है और वह है मन में दबी गहरी निराशा। साइकेट्रिस्ट कहते हैं कि आत्महत्या कोई मानसिक बीमारी नहीं है। इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। जिसमें डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, किसी घटना का गहरा असर और तनाव आदि शामिल होते हैं। अचानक जीवन में आई कुछ समस्याओं की वजह से लोग हिम्मत हार बैठते हैं। उन्हें लगता है कि वह उन समस्याओं का सामना नहीं कर पाएंगे और ऐसे में वह घबराकर आत्महत्या को ही एकमात्र उपाय मान लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से किसी समस्या का कोई समाधान नहीं निकलता है। अक्सर अपनों से मिली चोट ही लोगों को अंदर तक तोड़ देती है, जैसा कि तुनिषा के मामले में देखने को मिला। ऐसे में लोगों के मन में आत्महत्या का ख्याल आने लगता है।

यह लक्षण दिखते ही हो जाएं सर्तक

हालातों से हार मान लेने वाले लोग ही आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं, लेकिन वह ऐसा अचानक नहीं करते हैं। अवसाद या खुदकुशी के विचार से जूझ रहे लोगों में कई बार ऐसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान लिया जाए तो उस व्यक्ति को बचाया जा सकता है। अगर आपको किसी शख्स में ये लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।

  • कुछ लोग अचानक ही बात करते-करते खो जाते हैं, या अचानक ही शांत रहने लग जाते हैं।
  • इन लोगों के व्यवहार में अचानक ही बदलाव आने लगता है, जैसे- बात-बात पर गुस्सा करना, मूड स्विंग होना, उदास और निराश रहना आदि।
  • आत्महत्या का विचार करने वाले लोग अक्सर अपने करीबियों से मिलना चाहते हैं। ऐसे में वह बार-बार उनसे मिलने का दबाव बनाते हैं।
  • अपनों से मिली कोई चोट या धोखा लोगों के मन आत्महत्या जैसे विचार पैदा करने लगता है,जिसका मुख्य कारण अकेलापन है।
  • जिंदगी से हार मान चुके लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना कम कर देते हैं।
  • ऐसे लोग अक्सर भरोसा टूटने या दुखी वाले पोस्ट साझा करते हैं।
  • कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अचानक ही बेहद ज्ञान वाले पोस्ट डालने लगते हैं, ताकि वह सबको बता सकें कि सब कुछ ठीक है।
  • और सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि ऐसे लोग, जो आत्महत्या का विचार बना रहे हैं, वह किसी दोस्त या करीबी से इसका जिक्र जरूर करते हैं। ऐसे में इन बातों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Heart Attack : बुजुर्गों के साथ नौजवान भी हो रहे हार्ट अटैक का शिकार, इन बातों का रखें ध्यान

संबंधित खबरें...

Back to top button