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देश में नवंबर से 15 दिसंबर तक 35 लाख शादियां होंगी

कुल 4.25 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान, वर्ष 2023 में इसी अवधि में 32 लाख लोग वैवाहिक बंधन में बंधे थे

मुंबई। भारत में नवंबर से मिड दिसंबर के बीच 35 लाख शादियों पर 4.25 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि 2023 में इसी अवधि के दौरान 32 लाख शादियां हुईं थीं। ‘बैंड बाजा बारात और मार्केट्स’ टाइटल वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के बजट में सोने की इंपोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क में कटौती से त्योहारों और शादी के मौसम में बड़े खर्च को बढ़ावा मिलेगा। सोने के आयात शुल्क में हाल ही में 15 से 6 प्रतिशत की कटौती से देश भर में सोने की खरीद में ग्रोथ होने की उम्मीद है। विशेष रूप से आगामी त्योहारों और शादी के मौसम के दौरान सोने की खरीद में बड़ी ग्रोथ देखने को मिल सकती है।

15 जनवरी से 15 जुलाई तक 42 लाख से ज्यादा शादियां हुईं

रिपोर्ट में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स  के एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा गया है कि 15 जनवरी से 15 जुलाई के बीच भारत में 42 लाख से ज्यादा शादियां हुई हैं, जिस पर 5.5 लाख करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च हुआ है।

एयरलाइन-होटल बुकिंग पर ज्यादा खर्च होता है

देश में शादी और त्योहारी सीजन में एयरलाइन और होटल बुकिंग पर ज्यादा खर्च होता है। इस बढ़ी हुई डिमांड से कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में ग्रोथ होती है, जिससे देश की ओवरऑल इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलता है।

25 की-डेस्टिनेशंस वेडिंग साइट्स के रूप में चिह्नित की गईं

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 25 की-डेस्टिनेशंस को वेडिंग साइट्स के रूप में चिह्नित करने और भारत को इंटरनेशनल वेडिंग्स के लिए टॉप चॉइस के रूप में प्रमोट करने के सरकार के प्लान से देश में फोरेक्स इनफ्लो में ग्रोथ होगी। इस पहल की शुरुआत देश भर में लगभग 25 की-डेस्टिनेशंस को चिह्नित करके की जाएगी। इसमें दिखाया जाएगा कि भारत किस प्रकार कई वेडिंग प्रेफरेंसेस को पूरा कर सकता है। इस स्ट्रेटजी का टारगेट लगभग 1 लाख करोड़ प्राप्त करना है, जो वर्तमान में विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग पर खर्च किया जाता है।

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